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ED ने Myntra पर कसा शिकंजा, 1654 करोड़ के विदेशी निवेश घोटाले में मामला दर्ज

ED Action on Myntra: प्रवर्तन निदेशालय ने ई-कॉमर्स कंपनी मिन्त्रा डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (Myntra) और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत एक मामला दर्ज किया है।

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Jul 23, 2025
ED ने Myntra पर कसा शिकंजा (File photo)

Myntra Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फ्लिपकार्ट (Flipkart) के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनी मिन्त्रा डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (Myntra) और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Fema), 1999 के तहत एक बड़ा मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई कथित तौर पर 1654.35 करोड़ रुपये के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन से संबंधित है।

क्या है मामला?

ईडी के बेंगलुरु जोनल कार्यालय ने विश्वसनीय जानकारी के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि मिन्त्रा और उसकी सहयोगी कंपनियां "थोक नकद और कैरी" (Wholesale Cash & Carry) के नाम पर मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग (MBRT) में शामिल थीं। यह भारत की मौजूदा एफडीआई नीति का उल्लंघन है, जो मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष उपभोक्ता बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाती है।

जांच में हुआ खुलासा

जांच में खुलासा हुआ कि मिन्त्रा ने थोक व्यापार के लिए एफडीआई के रूप में 1654.35 करोड़ रुपये प्राप्त किए, लेकिन इसकी अधिकांश बिक्री वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक सहयोगी कंपनी के माध्यम से की गई, जो उसी कॉर्पोरेट समूह का हिस्सा है। वेक्टर ने इन सामानों को सीधे अंतिम उपभोक्ताओं को बेचा, जिससे बी2सी (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) लेनदेन को बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) और फिर बी2सी के रूप में दिखाकर एफडीआई नियमों को दरकिनार करने का प्रयास किया गया।

FDI नीति का उल्लंघन

2010 की एफडीआई नीति के अनुसार, थोक व्यापार करने वाली कंपनियां अपने समूह की कंपनियों को केवल 25% तक बिक्री कर सकती हैं। हालांकि, मिन्त्रा ने 100% बिक्री वेक्टर ई-कॉमर्स को की, जो कि फेमा की धारा 6(3)(b) और 1 अप्रैल 2010 व 1 अक्टूबर 2010 की समेकित एफडीआई नीतियों का स्पष्ट उल्लंघन है।

Myntra और निदेशकों पर शिकंजा

ईडी ने मिन्त्रा, उसकी सहयोगी कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ फेमा की धारा 16(3) के तहत शिकायत दर्ज की है। हालांकि, व्यक्तिगत जिम्मेदारी या दंड के बारे में अभी और विवरण सामने नहीं आए हैं। मिन्त्रा ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

जांच के दायरे ई-कॉमर्स कंपनियां

पिछले साल, ईडी ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विक्रेताओं के परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसमें विदेशी मुद्रा और एफडीआई नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच की गई थी। ई-कॉमर्स कंपनियों पर जटिल कॉर्पोरेट संरचनाओं के माध्यम से नियमों को तोड़ने का आरोप लगता रहा है।

Published on:
23 Jul 2025 04:32 pm
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