भारतीय जनता पार्टी की पंजाब यूनिट ने पार्टी हाईकमान को चेतावनी दी कि पंजाब में गंग नहर का 100वां सालगिरह मनाना एक घातक फैसला हो सकता है। इसके बाद केंद्र सरकार ने आयोजन को कैंसिल कर दिया।
Gang Canal function cancelled: केंद्र सरकार ने आज पंजाब के फिरोजपुर के हुसैनीवाला में गंग नहर के 100 साल पूरे होने पर होने आयोजन को रद्द करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, आयोजन में शामिल होने के लिए अमृतसर पहुंचे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को दिल्ली वापस बुला लिया। केंद्र सराकर का यू-टर्न पंजाब से जुड़े दो विवादित फैसलों पर पीछे हटने के तुरंत बाद आया है। मोदी सरकार ने हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को भंग किया और चंडीगढ़ का एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर बदला है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की पंजाब यूनिट ने पार्टी हाईकमान को चेतावनी दी थी कि दूसरे राज्यों के साथ पानी का बंटवारा पंजाब के लिए भावनात्मक मुद्दा है। पंजाब के किसानों ने पहले भी गंग नहर के जरिए राजस्थान को जाने वाले पानी के बडे़ हिस्से के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ऐसे में आयोजन होने से पार्टी के खिलाफ भावना और भड़क सकती है और लोग प्रदर्शन कर सकते हैं।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री मेघवाल को शुक्रवार सुबह 7 बजे हुसैनीवाला में नहर के 100 साल पूरे होने पर एक फंक्शन में हिस्सा लेना था, जिसका फाउंडेशन स्टोन 5 दिसंबर, 1925 को पंजाब के फिरोजपुर में रखा गया था। मेघवाल अब राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक और कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिसमें सीएम भजन लाल शर्मा भी शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में कांग्रेस से भाजपा में आए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को भी शामिल होना था। सोढ़ी के बेटे अनुमित सिंह हीरा ने इंडियन एक्सप्रेस संग बातचीत में कहा कि फंक्शन कैंसिल कर दिया गया। यह एक पूजा सेरेमनी थी। PM नरेंद्र मोदी ने उन्हें (मेघवाल को) दिल्ली वापस बुला लिया है। वह देर रात वापस आ रहे हैं।
इस मामले पर पंजाब कांग्रेस नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब की धरती से गंग नहर की सौवीं सालगिरह मनाना “असंवेदनशील और राजनीतिक रूप से भड़काने वाला” फैसला था। उन्होंने कहा कि यह नहर अंग्रेजों ने पहले की बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह को खुश करने के लिए बनवाई थी।
उन्होंने कहा, “पंजाबियों की सहमति के बिना किए गए इस औपनिवेशिक दौर के इंतजाम के कारण पंजाब के किसानों को लंबे समय तक इकोलॉजिकल और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। गंग नहर कभी भी पंजाब के लिए तोहफ़ा नहीं थी। यह पंजाब की कीमत पर विदेशी शासकों द्वारा दिया गया एक राजनीतिक एहसान था। उन्होंने आगे कहा कि पंजाबियों के लिए, यह नहर विकास की नहीं, बल्कि ऐतिहासिक अन्याय की यादें दिलाती है।"
उन्होंने आगे कहा, “ग्राउंडवॉटर की कमी, नहरों का टूटना, खेती के संकट जैसे जरूरी मुद्दों पर बात करने के बजाय, BJP ने पंजाब के रिसोर्स खत्म करने वाले गुलामी के एक मामले का जश्न मनाने का फैसला किया है। यह कोई याद नहीं है। यह उकसाना है। BJP पंजाब के पुराने जख्मों पर नमक छिड़क रही है।"