Gujarat Tourism: गुजरात सरकार ने गिफ्ट सिटी में शराब के नियमों को बहुत आसान बना दिया है, अब बाहरी पर्यटकों को परमिट की जरूरत नहीं होगी। इस ऐतिहासिक फैसले से राज्य में अंतरराष्ट्रीय निवेश और ग्लोबल टूरिज्म को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
GIFT City Liquor Rules: गुजरात सरकार ने राज्य के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र, गिफ्ट सिटी (GIFT City) को ग्लोबल बिजनेस हब बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। गांधीनगर स्थित इस वित्तीय जिले में अब शराब के सेवन से जुड़ी औपचारिकताओं को बहुत सरल (GIFT City Alcohol Policy 2025) कर दिया गया है। नए नियमों के मुताबिक, अब बाहरी आगंतुकों और विदेशी नागरिकों को शराब के लिए लंबी कागजी कार्रवाई और टेंपरेरी परमिट (Gujarat Liquor Permit Exemption) की जरूरत नहीं होगी। राज्य गृह विभाग की ओर से जारी ताजा अधिसूचना (GIFT City Nightlife Updates) के अनुसार, गुजरात से बाहर के राज्यों से आने वाले पर्यटक और विदेशी नागरिक अब बिना किसी विशेष परमिट के गिफ्ट सिटी के अधिकृत होटलों, क्लबों और रेस्तरां में शराब का सेवन कर सकेंगे। अब तक की व्यवस्था के तहत, इन "बाहरी लोगों" को शराब खरीदने या पीने के लिए एक अस्थायी परमिट लेना पड़ता था (Gujarat Prohibition Law Relaxation), जिसे बहुत जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया माना जाता था। अब केवल एक वैध फोटो पहचान पत्र (Valid Photo ID Proof) दिखा कर आप गिफ्ट सिटी के निर्धारित 'वाइन एंड डाइन' क्षेत्रों में प्रवेश और सेवन कर सकेंगे।
ध्यान रहे कि गुजरात पारंपरिक रूप से एक पूर्ण शराबबंदी वाला राज्य रहा है। हालांकि, गिफ्ट सिटी को दुबई, सिंगापुर और हांगकांग जैसे वैश्विक वित्तीय केंद्रों की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए महसूस किया कि यहाँ के माहौल को थोड़ा लचीला बनाना आवश्यक है। इसलिए 2023 में ही गिफ्ट सिटी के लिए शराब के नियमों में पहली बार छूट दी गई थी। ताजा संशोधनों का उद्देश्य इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानकों के और अधिक करीब लाना है।
नए नियमों का लाभ मुख्य रूप से दो श्रेणियों के लोगों को मिलेगा:
विदेशी नागरिक: भारत के बाहर से आए पर्यटक या प्रोफेशनल।
बाहरी आगंतुक: गुजरात राज्य के बाहर से आए भारतीय नागरिक।
ध्यान रहे कि गिफ्ट सिटी में काम करने वाले स्थानीय कर्मचारियों और निवासियों के लिए पहले से ही 'लिकर एक्सेस परमिट' की व्यवस्था है, जो विशिष्ट शर्तों के अधीन कार्य करती है।
महात्मा गांधी की जन्मभूमि होने के नाते गुजरात में दशकों से शराब के निर्माण और बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू है। लेकिन गिफ्ट सिटी एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और 'फ्री ज़ोन' की तरह काम करता है। गुजरात सरकार का मानना है कि इस छूट से यहाँ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और बड़े कॉर्पोरेट इवेंट्स व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी करना आसान होगा। हालांकि, सरकार ने यह बात साफ कर दी है कि शराब नीति में यह ढील केवल गिफ्ट सिटी के निर्धारित क्षेत्रों तक ही सीमित है। प्रदेश के बाकी हिस्सों में शराबबंदी कानून पहले की तरह ही सख्ती से लागू रहेगा।
गुजरात की वर्तमान पर्यटन नीति (2021-25) का मुख्य लक्ष्य राज्य को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर शीर्ष पर लाना है। गिफ्ट सिटी में मिली यह छूट इसी रणनीति का हिस्सा है।
MICE पर्यटन को बढ़ावा: (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) पर्यटन में शराब की उपलब्धता एक बड़ा कारक मानी जाती है। अब गिफ्ट सिटी वैश्विक सम्मेलनों के लिए दुबई और सिंगापुर जैसे शहरों को टक्कर दे सकेगा।
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में घरेलू पर्यटकों की संख्या तो बहुत अधिक है, लेकिन विदेशी पर्यटकों का प्रतिशत सीमित रहा है। शराब के नियमों में सरलता से इस संख्या में 20% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
चर्चा है कि गिफ्ट सिटी की सफलता के बाद सरकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (नर्मदा), कच्छ का रण (धोर्डो) और सूरत डायमंड बुर्स जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी इसी तरह की छूट देने पर विचार कर रही है।
गुजरात सरकार ने यह बात साफ की है कि यह ढील केवल एक "कंट्रोल्ड इकोसिस्टम" के भीतर दी गई है। इसका उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक गरिमा बनाए रखते हुए आर्थिक प्रगति और पर्यटन विकास के बीच संतुलन बनाना है। गिफ्ट सिटी को 'विशेष आर्थिक क्षेत्र' (SEZ) का दर्जा प्राप्त है, जो इसे इन प्रयोगों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
गिफ्ट सिटी में परमिट मुक्त शराब की सुविधा गुजरात के पर्यटन इतिहास में एक नया अध्याय है। यह न केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि उन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी गुजरात को एक 'फ्रेंडली डेस्टिनेशन' बनाएगा जो अब तक शराबबंदी के कारण यहां आने से कतराते थे।
बहरहाल, इस फैसले से गिफ्ट सिटी के भीतर स्थित लग्जरी होटलों और रेस्तरां के कारोबार में भारी उछाल आने की उम्मीद है। जटिल परमिट प्रणाली खत्म होने से अब यहाँ आने वाले मेहमानों को एक अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिलेगा, जो अंततः गुजरात की अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि के लिए सकारात्मक साबित होगा।