CEC Gyanesh Kumar: सरकार ने चुनाव आयुक्तों व सीईसी की नियुक्ति के लिए दिसंबर 2023 में जो कानून बनाया, उस पर विवाद है।
CEC Gyanesh Kumar: केंद्र सरकार ने ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) चुन लिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की असहमति के बावजूद। पर इस नियुक्ति पर संशय अभी भी बना हुआ है। इसकी वजह है सुप्रीम कोर्ट। हालांकि शीर्ष कोर्ट में इस मामले की बुधवार को सुनवाई, जो स्थगित हो गई है।
सरकार ने चुनाव आयुक्तों व सीईसी की नियुक्ति के लिए दिसंबर 2023 में जो कानून बनाया, उस पर विवाद है। कानून के मुताबिक चयन समिति में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह ‘प्रधानमंत्री द्वारा नामित मंत्री’ को रखा गया है। इस प्रावधान को असोशिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने चुनौती दी है। एडीआर ने मांग की थी कि इस मसले पर राजीव कुमार के रिटायर होने से पहले फैसला सुना दें। इसी पर कोर्ट ने आश्वासन दिया था कि फैसला नए सीईसी की नियुक्ति पर भी प्रभावी रहेगा। 18 फरवरी राजीव कुमार का बतौर सीईसी आखिरी दिन था। 19 फरवरी को ज्ञानेश कुमार ने सीईसी का पदभार संभाल लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई, जो स्थगित हो गई। अंतिम फैसले में अगर सुप्रीम कोर्ट चयन समिति को बदलने का फैसला देती है तो संभव है कि ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति अधर में आ जाए। ऐसी स्थिति में सरकार के पास सीमित विकल्प होंगे। वह चाहे तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान सकती है या अध्यादेश लाकर अपने हिसाब से नियुक्ति कर सकती है। अध्यादेश लाने कि स्थिति में बाद में उसे कानून के रूप में संसद से पास करवाना होता है।
सरकार द्वारा बनाए गए कानून के विरोध का आधार यह है कि चयन समिति में सरकार ने अपना दबदबा रखा है। प्रधानमंत्री और उनके द्वारा नामित मंत्री के बाद समिति में नेता प्रतिपक्ष का रहना सांकेतिक रह जाता है। कानून बनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने चयन समिति में सीजेआई को रखे जाने की व्यवस्था दी थी और कहा था कि जब तक सरकार कानून नहीं बनाती है, तब तक यह व्यवस्था रहेगी।