
India's first female CEC V S Ramadevi
India's first Woman Chief Election Commissioner: आजकल भारतीय महिलाएं हर एक क्षेत्र में अपना नाम बना रही हैं। आज हम आपको देश की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के बारे में बताएंगे। जिन्होंने ऐसा करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया लेकिन इसके बावजूद कम ही लोग उनके बारे में जानते हैं। हम बात कर रहे हैं वी.एस. रमादेवी (VS Ramadevi) की। बता दें कि वी.एस. रमादेवी राज्यसभा की महासचिव और कर्नाटक की राज्यपाल बनने वाली पहली महिला भी थीं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
वी.एस. रमादेवी ने 26 नवंबर 1990 को भारत की मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में नियुक्त होने वाली पहली और एकमात्र महिला बनकर इतिहास रच दिया था। रमादेवी के नाम सबसे कम कार्यकाल का रिकॉर्ड है, क्योंकि उनका कार्यकाल 11 दिसंबर 1990 को समाप्त हुआ था, जो केवल 16 दिनों तक चला था। चुनाव आयोग के पूर्व कानूनी सलाहकार एस.के. मेंदीरत्ता ने बताया, "कुछ लोग तो वी.एस. रमादेवी को चुनाव आयुक्त के रूप में मान्यता देने को भी तैयार नहीं थे, क्योंकि यह बहुत कम समय के लिए था और एक अस्थायी व्यवस्था की तरह था।"
आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में 1934 में जन्मीं रमादेवी ने वकालत की पढ़ाई की इसके बाद वे नेता बनी। CEC रहते हुए उनके कार्यकाल में एक भी बार चुनाव नहीं हुए। उनके बाद इस पद पर IAS अधिकारी रहे टीएन शेषन आए जिन्हें निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आज भी याद किया जाता है। पहली CEC रहने के बाद रमादेवी ने राज्यसभा राज्यसभा की महासचिव का पद संभाला इसके बाद वो 1997 से 1999 तक हिमाचल प्रदेश की गवर्नर रहीं और फिर 1999 से 2002 तक कर्नाटक राज्य की पहली महिला गवर्नर का पदभार संभाला। साल 2013 में 79 वर्ष की उम्र में रमादेवी की हार्ट अटैक के चलते दुनिया को अलविदा कहा।
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार, जो पिछले साल चुनाव आयुक्त नियुक्त होने से पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे, को सोमवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया।
Updated on:
18 Feb 2025 09:17 am
Published on:
17 Feb 2025 03:15 pm
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