कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
Satara Doctor Suicide Case: महाराष्ट्र के सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद ने इसे संस्थागत हत्या बताया और सरकार पर आरोपियों को बचाने भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। गांधी ने आत्महत्या की निंदा करते हुए इसे एक त्रासदी बताया जो किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देती है।
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। विपक्ष के नेता ने कहा- इस मामले से बीजेपी सरकार का अमानवीय और निर्दयी चेहरा उजागर हुआ है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा- एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई।
उन्होंने आगे लिखा- जिसे अपराधियों से जनता की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसी ने इस मासूम के खिलाफ़ सबसे घिनौना अपराध किया - उसके साथ बलात्कार और शोषण किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, BJP से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों ने उस पर भ्रष्टाचार का दबाव डालने की कोशिश भी की।
बता दें कि एक डॉक्टर सतारा के एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी पाई गईं। वह एक सरकारी अस्पताल में संविदा पर चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात थीं।
उसने अपनी हथेली पर उसने मराठी में एक नोट लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि फलटण सिटी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने उसके साथ चार बार बलात्कार किया था और उसे अपने मकान मालिक के बेटे प्रशांत बांकर के हाथों महीनों तक शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ा था।
फिलहाल पुलिस ने अब इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं आत्महत्या मामले की शुरुआती जांच से पता चला है कि डॉक्टर ने पहले ही आरोप लगाया था कि अस्पताल में लाए गए आरोपियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए उन पर पुलिस और नेताओं का दबाव था और उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं उनके आरोपों के जवाब में, पुलिस ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर ने उस अस्पताल में लाए गए आरोपियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में सहयोग नहीं किया जहाँ वह तैनात थीं। मामले की जाँच चल रही है।
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