Gender Test: गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिंग का पता लगाने के लिए कई तरीके हैं लेकिन हमारे देश में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर डॉक्टर और अस्पताल पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
प्रेगनेंट होने के बाद हर महिला यही चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ और तंदरुस्त रहे। मां को हो या न हो लेकिन परिवार के सदस्यों के मन में जरूर यह सवाल आता है कि लड़का होगा या लड़की। भारत में जन्म से पहले बच्चे के लिंग के बारे में बताना गैर कानूनी है। ऐसा ही गैर कानूनी काम करने का एक मामला गुजरात (Gujarat) स्थित अहमदाबाद के नरोड़ा से एक मामला सामने आया है, जहां 35 हजार रुपये में प्रेगनेंसी टेस्ट किए जा रहे थे। शिकायत मिलते ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी और डॉक्टर्स की टीम द्वारा प्राइवेट अस्पताल में जाकर सबूत इकट्ठा करने के बाद गर्भ परीक्षण का मशीन सील कर लिया है। पीएनडीटी कानून के तहत टेस्ट करने वाले डॉक्टर (Gynic) पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
मामले खुलासा होते ही एक व्यक्ति डमी ग्राहक बनकर गर्भ परीक्षण के लिए प्राइवेट अस्पताल में पहुंचा। इस डमी व्यक्ति ने सारें सबूत मोबाइल में रिकॉर्ड किए और सभी सबूतों को स्वास्थ्य विभाग और जिला पंचायत के अधिकारियों को पेश किए।
अहमदाबाद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी शैलेश परमार ने कहा, प्रेगनेंसी टेस्ट एक घिनोना अपराध है। साथ ही उन्होंने बताया की जेंडर टेस्ट के लिए वहां के डॉक्टर 35 हजार रुपए लिया करते थे। डॉक्टर पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। जिला पंचायत ने बताया की 20 साल में 15 से ज्यादा मशीन सील हो चुकी हैं। और कई डॉक्टर के लाइसेंस भी सील किए जा चुके हैं।