पीएम मोदी के संबोधन पर विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसे जबरदस्ती का भाषण बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नवरात्रि और जीएसटी 2.0 का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा- नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू हो जाएंगे। त्योहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा। कल से देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है। पीएम मोदी के संबोधन पर विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसे जबरदस्ती का भाषण बताया है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने संबोधन को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- कल से कम GST रेट लागू होने हैं, सारे अनाउंसमेंट आ चुके हैं। पीएम मोदी ने तो निर्णय के पहले ही लाल क़िले से घोषणा कर ही दी थी। लेकिन आज मोदी को लगा अरे बिना मेरा चेहरा चमके यह कैसे हो सकता है - तो ज़बरदस्ती का भाषण देने आ गए। उन्होंने आगे कहा कि तो ऐसे की जैसे 2017 में GST इन्होंने नहीं किसी और ने GST लागू किया था। आज तो आपको हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगनी चाहिए थी।
पीएम मोदी के संबोधन पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा- ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी एच-1बी आवेदकों को प्रायोजित करने वाली कंपनियों द्वारा ली जाने वाली फीस को 100,000 डॉलर तक बढ़ाने और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के बारे में कुछ कहेंगे, लेकिन जीएसटी की खबर बहुत पुरानी है। प्रधानमंत्री मोदी पहले रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते थे, लेकिन आज शाम 5 बजे, शायद इसलिए क्योंकि आज रात 8 बजे भारत बनाम पाकिस्तान मैच है। ऐसा लगता है कि भारत की विदेश नीति काफी खराब है। अब लोगों के मन में एक उदासीनता है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कुछ भी नया नहीं कहा। अगर यह नया जीएसटी अच्छा है, तो इसका मतलब है कि पिछले 7-8 सालों से चले आ रहे जीएसटी स्लैब लोगों के लिए उपयुक्त नहीं थे और खराब थे?
पीएम मोदी के भाषण पर डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरई ने कहा- मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री किस डेटा पर बोल रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार कभी डेटा जारी नहीं करती। शायद, प्रधानमंत्री को वह डेटा उपलब्ध कराना चाहिए जिसके आधार पर वह दावा करते हैं कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। मुझे लगता है कि यह उल्टा है।