बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। बैठक में पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुख को आतंवादियों से निपटने के लिए खुली छूट दी है।
Pahalgam Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पीएम आवास पर सीसीएस बैठक से पहले हाई लेवल की मीटिंग हुई। इस बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद के परिणामों और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी मौजूद रहे। यह बैठक करीब डेढ़ घंटे चली।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम हमले का कड़ा जवाब देने की बात कही। साथ ही राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के आश्वासन को भी दोहराया कि भारत आतंकवादियों और उनके आकाओं को कड़ी सजा देगा।
इस बैठक में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की परिस्थितियों, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। वहीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। साथ ही पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुख को आतंवादियों से निपटने के लिए खुली छूट दी है। पीएम मोदी ने कहा कि कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे। हमें सेना की क्षमता पर पूरा भरोसा है।
वहीं पहलगाम आतंकी हमले के बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक होगी। यह बैठक पहलगाम हमले के संदर्भ में बुलाई गई है। इसके अलावा, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी बुधवार को प्रस्तावित है। सीसीएस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे।
इससे पहले पहलगाम हमले के अगले दिन 23 अप्रेल को सीसीएस की बैठक हुई थी। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए गए थे। भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला किया था। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को भी देश छोड़ने का आदेश दिया गया था। बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि अगर तय मियाद के अंतर्गत पाकिस्तानी नागरिकों ने देश नहीं छोड़ा, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।