केंद्र सरकार देश में होने वाले बड़े जन आंदोलनों के प्रबंधन और उन्हें नियंत्रित करने के लिए एक मानक संचालन प्रणाली तैयार करने की योजना बना रही है।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार हिडन एजेंडे के साथ देश में जब-तब पनपने वाले जन आंदोलनों को रोकने के लिए मानक संचालक प्रणाली (एसओपी) बनाने की तैयारी कर रही है। इस पर अध्ययन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) ने एक प्रश्नावली भेजकर राज्यों के पुलिस प्रमुखों से पिछले 50 साल (खासकर इमरजेंसी के बाद से) के आंदोलनों की जानकारी मांगी है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि यह जानकारी मांगने के पीछे अनावश्यक और छिपे एजेंडे के साथ लोगों को गुमराह कर आंदोलन चलाने, विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल और इसके पीछे के असली मकसद का पता लगाना और भविष्य में इसे सीमित (मिनिमाइज) करने के लिए एसओपी जारी करना है।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा मोदी सरकार कम से कम दो (सीएए और कृषि कानूनों का विरोध) ऐसे आंदोलन झेल चुकी है जिसमें भाजपा आरोप लगाती रही है कि इसके पीछे लोगों को गुमराह कर आंदोलनकारियों ने हिडन एजेंडा पूरा किया। किसान आंदोलन के बाद तो केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे।