भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस खरीद को लेकर चर्चा हुई। यदि इंडोनेशिया ब्रह्मोस मिसाइल खरीदता है तो वह यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरदीने वाला फिलिपींस के बाद दूसरा देश होगा। पढ़ें पूरी खबर...
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत (India) की सुपर क्रूज मिसाइज ब्रह्मोस का जलवा देखने को मिला था। ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान (Pakistan) के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद से दुनिया के कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रूचि दिखाई। इसी कड़ी में भारत अब इंडोनेशिया (Indonesia) को ब्रह्मोस मिसाइल बेचने जा रहा है।
गुरुवार को भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीद को लेकर चर्चा हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष इंडोनेशियाई रक्षामंत्री साफरी समसोद्दीन की सह अध्यक्षता में भारत-इंडोनेशिया संबंध पर बातचीत हुई। यदि ब्रह्मोस समझौता सफल होता है, फिलिपींस के बाद ब्रह्मोस खरीदने वाला इंडोनेशिया दूसरा देश होगा। फिलिपींस ने साल 2022 में लगभग 290 किमी रेंज वाली इस हथियार प्रणाली की तीन खेप खरीदी थीं।
रक्षा मंत्रियों के संवाद के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और गहरा करने की पुष्टि की। ज्वाइंट रिसर्च, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित रक्षा चिकित्सा और फार्मास्यूटिकल्स में सहयोग पर भी चर्चा की गई।
ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी से मिलकर बना है। 1998 में DRDO और रूस की NPO Mashinostroyeniya ने मिलकर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। 12 जून 2001 को पहला सफल परीक्षण हुआ और तब से यह भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना की रीढ़ बना हुआ है।
ब्रह्मोस दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 2.8 से 3.5 मैक (ध्वनि की गति से लगभग 3.5 गुना तेज़) की रफ्तार से उड़ती है। यानी 1 सेकंड में 1 किलोमीटर से ज्यादा दूरी, इसकी रेंज अब 290 किमी से बढ़ाकर 450 किमी और हाल ही में 900 किमी तक करने की मंजूरी मिल चुकी है।