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‘भारत कोई कमजोर देश नहीं जिसे बैसाखियों की जरूरत हो’: ट्रंप के टैरिफ पर पूर्व राजदूत जावेद अशरफ का करारा जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बीच पूर्व राजदूत जावेद अशरफ ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत कोई कमजोर देश नहीं है।

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Sep 06, 2025
भारत के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ (फाइल फोटो)

Donald Trump Tariff: फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और बयानों के बीच भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत कोई कमजोर देश नहीं है, जिसे किसी अंतरराष्ट्रीय गुट की बैसाखी चाहिए। यह बयान अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने भारत को अमेरिका या रूस-चीन के बीच किसी एक का पक्ष चुनने को कहा था।

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अमेरिकी टैरिफ और भारत का रुख

अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया है और रूसी तेल आयात के कारण अतिरिक्त 25% टैरिफ भी लागू किया गया है। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत को रूस से तेल खरीद बंद करनी चाहिए, अन्यथा उसे 50% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इसके जवाब में अशरफ ने कहा, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और मूल्यों के आधार पर काम करता है। हम किसी एक देश के पक्ष में दूसरे के खिलाफ नहीं जाते। उन्होंने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर देते हुए कहा कि नई दिल्ली सभी देशों के साथ संबंधों को उनकी योग्यता के आधार पर संतुलित करने में सक्षम है।

भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव और संभावनाएं

अशरफ ने ट्रंप के बयानों में नरमी के संकेतों पर भी ध्यान दिलाया। ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'महान नेता' और 'दोस्त' बताते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को विशेष करार दिया। अशरफ ने कहा, पिछले कुछ दिनों में तनाव में कमी आई है। हमें इंतजार करना होगा, लेकिन द्विपक्षीय वार्ता में प्रगति के संकेत हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने हमेशा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता, खासकर पाकिस्तान के साथ मुद्दों पर, को खारिज किया है।

रूस और चीन के साथ संबंध

रूस के साथ भारत के रक्षा संबंधों पर अशरफ ने कहा कि अमेरिका ने पहले भी भारत पर एस-400 मिसाइल सौदा रद्द करने का दबाव डाला था, लेकिन भारत अपने रुख पर अड़ा रहा। उन्होंने कहा, रूसी तेल आयात पर भी हमारा रुख स्पष्ट है। हम वहां से सस्ता तेल खरीदते हैं, जैसे यूरोप और अमेरिका भी रूस से ऊर्जा खरीदते हैं। चीन के साथ संबंधों पर अशरफ ने स्वीकार किया कि यह भारत के लिए भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौती है, लेकिन भारत इसे संभालने में सक्षम है।

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Updated on:
06 Sept 2025 10:57 pm
Published on:
06 Sept 2025 10:51 pm
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