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सोलह साल से कम उम्र के बच्चों की ऑनलाइन आज़ादी पर सवाल? मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी से हलचल

मद्रास हाईकोर्ट ने बच्चों को अश्लील कंटेंट से बचाने के लिए 16 साल से कम उम्र के नाबालिगों पर ऑस्ट्रेलिया जैसा इंटरनेट प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक कानून नहीं बनता, तब तक प्रभावी सॉफ्टवेयर और जागरूकता अभियानों को तेज किया जाए।

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Dec 27, 2025
मद्रास हाईकोर्ट (Photo Credit - IANS)

Madras High Court Proposes Social Media Ban for Kids: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वह ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करे। यह टिप्पणी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जिसमें कहा गया था कि इंटरनेट प्लेटफार्मों पर अश्लील सामग्री आसानी से उपलब्ध है और बच्चे भी इन्हें देख सकते हैं, जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है।

याचिकाकर्ता एस विजयकुमार ने याचिका में कहा कि इंटरनेट पर अश्लील वीडियो खुलेआम प्रसारित हो रहे हैं, जिन्हें कोई भी, यहां तक कि बच्चे भी देख सकते हैं। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के तहत कार्रवाई हो और अश्लील वीडियो को ब्लॉक किया जाए। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय एवं तमिलनाडु बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिवों, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, गृह मंत्रालय और इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ के सचिव को भी निर्देश जारी करने की मांग की।

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मदुरै पीठ के जस्टिस जी. जयचंद्रन और जस्टिस केके रामकृष्णन की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता केपीएस पलनीवेल राजन ने दलील दी कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ऐसी सामग्री ब्लॉक करनी चाहिए ताकि बच्चे इन तक न पहुंच सकें।

प्रभावी सॉफ्टवेयर की जरूरत

अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में विवादित वीडियो को रोकने के लिए व्यवस्था लागू की थी, लेकिन बच्चों को अश्लील सामग्री देखने से पूरी तरह रोकने के लिए प्रभावी सॉफ्टवेयर की जरूरत है।

Published on:
27 Dec 2025 02:53 am
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