भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उद्योगों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने ऑटोमोटिव उद्योग में अंतरिक्ष-ग्रेड तकनीकें वाहन सुरक्षा में कैसे काम करेगी बताया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उद्योगों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के लिए कुछ चुनिंदा तकनीकों का प्रदर्शन किया है। विशेषकर ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रयोग होने वाले कार सेंसर समेत ऐसी तकनीकों के विकास में इसरो ने मदद का हाथ बढ़ाया है जिनका विदेशों से आयात करना पड़ता है। अंतरिक्ष क्षेत्र में सभी रॉकेट सेंसर का निर्माण देश में होता है। इसरो ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मदद करने के लिए तैयार है।
इसरो और उसकी अनुषंगी इकाई इन-स्पेस ने इसके लिए ऑटोमोबाइल क्षेत्र के दिग्गजों के साथ रणनीतिक संवाद शुरू कर दिया है ताकि, रॉकेट और उपग्रहों के लिए विकास के दौरान विकसित तकनीकों का उपयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हो सके। इसरो मुख्यालय अंतरिक्ष भवन में इस संदर्भ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें इसरो के विभिन्न केंद्रों के विशेषज्ञों ने 43 चुनिंदा प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने ऑटोमोटिव उद्योग के प्रमुख हस्तियों को यह पता लगाने के लिए कहा कि, अंतरिक्ष-ग्रेड तकनीकें वाहन सुरक्षा, उनके प्रदर्शन और स्थिरता में कैसे काम में लाई जा सकती हैं।
इन-स्पेस के चेयरमैन डॉ पवन गोयनका ने इसरो वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, इस कार्यशाला से जो सक्रियता आई है उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। सुब्रोस लिमिटेड की सीएमडी और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने अंतरिक्ष क्षेत्र की उन्नत तकनीकों को अपनाने के लिए ऑटोमोटिव क्षेत्र की प्रतिबद्धता जताई।