Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट इस प्रश्न के कानूनी परीक्षण पर सहमत हो गया है कि क्या रेप के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से पहले पीड़िता का पक्ष सुनना जरूरी है?
Supreme Court : क्या बलात्कार के मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से पहले शिकायतकर्ता या पीड़िता को नोटिस जारी कर सुनना जरूरी है? सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस प्रश्न के कानूनी परीक्षण पर सहमत हो गया। यह मुद्दा केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील में उठा जिसमें आरोपी को दी गई अग्रिम जमानत इसलिए रद्द कर दी गई कि पीड़िता का पक्ष सुने बगैर ही ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने आरोपी की अपील सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने यह समीक्षा केरल हाईकोर्ट द्वारा अप्रैल 2024 के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के मद्देनजर की। उक्त फैसले में अपीलकर्ता सुरेश बाबू केवी को अग्रिम जमानत दी गई थी। जमानत को इसलिए रद्द कर दिया गया था ताकि पीड़िता की बात नहीं सुनी गई थी।