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प्रशांत किशोर ने झूठ की बुनियाद पर शुरू की थी जन सुराज? चुनाव नतीजों से उठा सवाल

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की कई सीटों पर जमानत जब्त हुई। हार के बाद प्रशांत किशोर ने दो बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की घोषणा की, लेकिन वह मीडिया के सामने नहीं आए।

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Nov 17, 2025
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर। (फोटो- IANS)

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी पहली बड़ी चुनावी परीक्षा में बुरी तरह फेल हो गए हैं। लेकिन, सवाल यह उठ रहा है कि क्या उनका यह राजनीतिक अभियान शुरू से ही झूठ या अविश्वास की बुनियाद पर खड़ा था।

यह सवाल चुनाव में जन सुराज को मिले मतों की संख्या और पार्टी की शुरुआत करते समय प्रशांत किशोर के दावों की वजह से उठ रहा है। इस बिहार चुनाव में उनकी पार्टी को 20 लाख से भी कम वोट मिले हैं, जबकि किशोर ने पार्टी लॉन्च करते समय एक करोड़ सदस्य बनाने की बात कही थी।

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238 सीटों पार उतारे थे उम्मीदवार

जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव में 243 में से 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से एक भी नहीं जीत सका। केवल एक सीट पर पार्टी दूसरे नंबर पर आई। 122 सीटों पर जन सुराज चौथे नंबर पर रही। 61 पर तो मतदाताओं ने जन सुराज से ज्यादा बटन नोटा पर दबाए। पार्टी के 236 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

बता दें कि जमानत जब्त होने का मतलब है विजेता उम्मीदवार को मिले मतों का छठा हिस्सा भी हासिल नहीं कर पाना। जमानत के तौर पर विधानसभा चुनाव में 10000 रुपये और लोकसभा चुनाव में 25000 रुपये उम्मीदवारों को जमा कराने पड़ते हैं।

17 लाख से अधिक वोट जनसुराज को मिले

बिहार चुनाव में इस बार करीब पांच करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। इनमें से प्रशांत किशोर की पार्टी को करीब पार्टी को करीब 3.5 प्रतिशत (17.5 लाख) वोट मिले। जबकि दो साल की पदयात्रा के बाद 2 अक्तूबर,2024 को पार्टी का ऐलान करने से पहले ही प्रशांत किशोर ने कहा था कि दो अक्तूबर को एक करोड़ लोग उनकी नई पार्टी की नींव रखेंगे।

अब 18 नवंबर को मीडिया से करेंगे बात

अब चुनाव नतीजों के बाद प्रशांत किशोर क्या कहना चाहते हैं, यह 18 नवंबर को सामने आएगा। उस दिन 11.30 बजे वह मीडिया से बात करेंगे। इससे पहले 16 नवंबर को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करना तय किया था, लेकिन उसे टाल दिया गया।

इस बीच, उनकी पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने किसी और प्रोजेक्ट के लिए वर्ल्ड बैंक से आया पैसा चुनाव से पहले जनता में बांट दिया। बिहार चुनाव में हार के तत्काल बाद जनसुराज पार्टी के नेता उदय सिंह ने मीडिया से बातचीत की थी। बाद में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया। हालांकि इसमें प्रशांत किशोर शामिल नहीं हुए।

प्रशांत किशोर की पार्टी में टिकट बंटवारे के बाद से ही बगावत शुरू हो गई थी। उसके कुछ उम्मीदवार भी बीजेपी से मिल गए थे या बीजेपी में शामिल हो गए थे।

उदय सिंह बोले- प्रशांत किशोर राजनीति नहीं छोड़ेंगे

जन सुराज के नेता उदय सिंह ने पीके के राजनीति छोड़ने की अफवाहों पर कहा- बिल्कुल नहीं, प्रशांत किशोर राजनीति नहीं छोड़ेंगे। अब बिहार की जनता को फिर से समझाने की कोशिश की जाएगी। किशोर ने चुनाव से पहले कहा था कि अगर जदयू को 25 से ज्यादा सीटें आ जाएंगी तो वह राजनीति छोड़ देंगे। जदयू ने अपनी सीटें पिछले चुनाव की तुलना में करीब दोगुनी (85) कर ली हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनसुराज नेता ने और क्या कहा था?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदय सिंह ने कहा कि पार्टी को इस हार से विचलित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने हार के दो मुख्य कारण गिनाए- पहला, चुनाव के दौरान पैसों का भारी खेल और दूसरा- आरजेडी के सत्ता में आने के डर से जनसुराज का वोट बैंक एनडीए में चला गया।

उन्होंने कहा कि जनसुराज के वोटरों को डर था कि अगर एनडीए कमजोर हुई तो आरजेडी का शासन वापस आ सकता है, इसलिए उन्होंने एनडीए को वोट दिया।

उदय सिंह ने कहा- यह चुनाव के बीच जिस तरह से जो पैसों का बांट हुआ है, यह ठीक नहीं था। इससे चुनाव की दिशा प्रभावित हुई। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अपराध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लगातार उठाती रहेगी और संगठनात्मक काम को मजबूत किया जाएगा।

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