बिहार के बेगूसराय में JDU नेता नीलेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। नीलेश रात में अपने घर पर सो रहे थे तभी बदमाशों ने उनके घर में घुस कर घटना को अंजाम दिया।
बिहार के बेगूसराय से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां देर रात सत्ताधारी पार्टी JDU के नेता की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मामला छौड़ाही थाना क्षेत्र के पीरनगर गांव स्थित वार्ड नंबर-10 का है। मृतक नेता की पहचान 37 वर्षीय नीलेश कुमार के रूप में हुई है जो कि JDU के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष थे और हाल में पंचायत अध्यक्ष चुने गए थे। नीलेश रात में अपने घर में सोए हुए थे तभी बदमाश उनके घर में घुस गए और उनकी हत्या कर के फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार, नीलेश हर दिन की तरह खाना खाने के बाद अपने डेरा पर सोने चले गए थे। उसी दौरान करीब 9 बदमाश वहां पहुंचे और उन्होंने नीलेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान नीलेश की छाती, गर्दन और आंख के पास तीन गोलियां लगी लगी जिसके चलते मौके पर ही उनकी मौत हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर नीलेश का परिवार और आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे तब तक बदमाश वहां से हथियार लहराते हुए फरार हो चुके थे।
घटना की जानकारी मिलते ही छौड़ाही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल की जांच के लिए FSL की टीम बुलाई गई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। इस मामले में एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में भी लिया गया और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
मृतक नीलेश के पिता रामबली महतो ने बताया कि, मेरा बेटा हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान काफी सक्रिय था। उसकी वर्तमान में किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। पहले गांव के कुछ लोगों के साथ जमीनी विवाद चल रहा था, लेकिन अब वह मामला शांत हो गया था। नीलेश के पिता ने आगे कहा, 9 बदमाशों ने मेरे बेटे की हत्या की है इनमें बृजेश कुमार और जयप्रकाश महतो के साथ-साथ राजेश और रामप्रवेश को मैं जानता हूं।
पुलिस ने बृजेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, जल्द ही हत्या में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। इस घटना से गांव के लोगों में काफी आक्रोश है, लोगों ने पुलिस की नाकामी को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में बढ़ते अपराधों पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है।