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RJD को मात देने के लिए JDU ने वोटिंग से ठीक पहले खेल दिया बड़ा ‘मास्टरस्ट्रोक’! अब क्या करेंगे तेजस्वी यादव?

पटना में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार के सरकारी आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है। जिसमें राजद के शासनकाल में हुए नरसंहार की घटनाओं को दिखाया गया है।

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Nov 08, 2025
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव। (फोटो- IANS)

बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने चुनाव को देखते हुए बड़ा 'मास्टरस्ट्रोक' खेल दिया है। नए दांव से लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को भारी नुकसान भी पहुंच सकता है।

जदयू ने शनिवार को राजद के शासनकाल की तस्वीरों और उस समय के समाचार पत्रों की कटिंग का एक पोस्टर लगाया है। यह पोस्टर पटना में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार के सरकारी आवास के बाहर लगाया गया है।

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पोस्टर में नरसंहार की घटनाओं को दिखाया गया

इसमें लालू राज के दौर से जुड़े घटनाक्रमों की चर्चा है। पोस्टर में राजद के शासनकाल में हुए नरसंहार की घटनाओं को दिखाया गया है।

एक पोस्टर में लिखा है- वो दौर जब जातीय विद्वेष और बंदूक का शासन था, भूलेगा नहीं बिहार, वो 118 नरसंहार, जहां इंसानियत रोई थी और सत्ता मुस्कुरा रही थी। नरसंहारों की चीखें आज भी बिहार की मिट्टी में गूंजती हैं।

पोस्टर को लेकर जदयू नेता ने क्या कहा?

पोस्टर को लेकर जदयू नेता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने कहा कि लालू राज के समय का पोस्टर इसलिए लगाया गया है कि तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी गईं, नामांकन में लालू यादव गए, इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जब लालू यादव रीतलाल यादव के प्रचार करने गए, तो यह साफ है कि लालूवाद का प्रतिनिधित्व कैसे होगा।

उन्होंने कहा कि भूलेगा नहीं बिहार, वह लालूवाद का जंगलराज। उस समय क्या हालात थे? वह लालूवाद का खौफनाक मंजर आज भी याद है। नीरज ने कहा कि लफंगे नेताओं के हाथ में सत्ता थी।

नीरज ने कहा, राबड़ी देवी बोलती थीं- मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री भ्रष्टाचारी हैं

उस दौर के कई समाचार पत्रों के कतरनों को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि उस समय की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बोलती थीं कि मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री भ्रष्टाचारी हैं। उस समय उच्च न्यायालय ने कहा था कि रिश्तेदारों को ठेका दिया जाता है।

उन्होंने साफ कहा कि ये वे नहीं बोल रहे हैं, उस समय ये खबर अखबार में छपती थी। उस समय कानून खामोश था। उन्होंने कहा कि जब लालू यादव मैदान में उतर गए तो बिहार और देश की जनता को उस समय को याद कराना जरूरी था।

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