Jharkhand Election: झारखंड में पहले चरण के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। पहले चरण के लिए आज चुनाव प्रचार थम गया है। अब प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन कर सकेंगे।
Jharkhand Election: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly Election) की 81 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतों की गिनती की जाएगी। वहीं पहले चरण के लिए आज प्रचार प्रसार थम गया है। प्रदेश की 81 विधानसभा सीटों में से 13 नवंबर को 43 सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों के लिए आज से चुनाव प्रचार थम गया। अब प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन कर सकेंगे। चुनाव प्रचार थमने के बाद कोई जनसभा नहीं होगी और रोड व माइक से भी प्रचार नहीं होगा। पहले चरण की 43 सीटों पर 683 प्रत्याशी मैदान में है।
बता दें कि पहले चरण के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। पहले चरण में जिन 43 सीटों पर चुनाव होना है उनमें 6 एससी और 20 एसटी सीटें शामिल है। इस चरण में कुल 683 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। इनमें से 334 प्रत्याशी निर्दलीय हैं। कुल उम्मीदवारों में 87 प्रत्याशी राष्ट्रीय पार्टियों के हैं। 32 प्रत्याशी झारखंड के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के हैं। 42 प्रत्याशी ऐसे हैं जो कि दूसरे राज्यों के मान्यता प्राप्त दलों से टिकट लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। 188 उम्मीदवार गैर मान्यता प्राप्त निबंधित दलों से है। पहले चरण में 73 महिला प्रत्याशियों के भाग्य का भी फैसला होगा, जिनमें से 34 निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। इस चरण में एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं। हटिया विधानसभा सीट से नगमा रानी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं।
पहले चरण में झारखंड के कई बड़े नेताओं की किस्मत का भी फैसला होगा। पहले चरण के चुनाव में पूर्व सीएम चंपई सोरेन, मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, रामदास सोरेन, दीपक बिरूवा, मिथिलेश ठाकुर, भानू प्रताप शाही, नीरा यादव समते कई बड़े नेताओं के भाग्य का फैसला होना है।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रवि कुमार ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे मतदान के लिए मतदाता पर्चा अपने साथ जरूर लेकर जाएं। जिन लोगों को मतदाता पर्ची नहीं मिली है उन्हें मतदान केंद्र पर बीएओ या वालेंटियर से संपर्क कर टोकन लेना चाहिए ताकि वोट डालते समय उन्हें सुविधा हो सके। वहीं वोटर आईडी कार्ड नहीं रहने पर 12 तरह के मान्य अन्य पहचान के दास्तावेजों से मतदाता की पहचान के बाद वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।