विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा के दोबारा अध्यक्ष चुने जाने पर ओम बिड़ला को बधाई दी और उनसे कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही चलने में भरपूर सहयोग देगा।
who is the new Leader of opposition in India: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने निचले सदन के अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) को दोबारा अध्यक्ष बनने की बधाई दी। राहुल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष लोगों की आवाज का अंतिम मध्यस्थ होता है और विपक्ष इस बार पिछली बार की तुलना में उस आवाज का अधिक प्रतिनिधित्व करता है। राहुल गांधी को मंगलवार को विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। वह विपक्ष के नेता के तौर पर पहली बार आज लोकसभा पहुंचे। इस अवसर पर राहुल गांधी अलग लुक में ही दिखे। उन्होंने सफेद कुर्ता और पायजामा पहन रखा था।
राहुल ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष को अपने बधाई संदेश में कहा, "विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहेंगे कि सदन चले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है। विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मिले।"
राहुल गांधी ने कहा, "मुझे विश्वास है कि आप हमें बोलने की अनुमति देंगे। सवाल यह नहीं है कि सदन कितनी कुशलता से चलाया जाता है। सवाल यह है कि भारत की कितनी आवाज को सुनने की अनुमति दी जा रही है या नहीं? इसलिए विचार यह है कि आप मौन रहकर सदन को कुशलतापूर्वक चला सकते हैं। विपक्ष की आवाज़ एक गैर-लोकतांत्रिक विचार है और इस चुनाव ने दिखाया है कि भारत के लोग विपक्ष से संविधान की रक्षा की उम्मीद करते हैं।हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएं।"
राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य हैं। पिता राजीव गांधी 1989-90 तक इस पद पर रहे, वहीं मां सोनिया 1999-2004 तक विपक्ष की नेता रहीं।
विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। उन्हें कैबिनेट रैंक की सभी सुविधाएं मिलेगी और संसद भवन में एक अलग कार्यालय भी मिलेगा।
तीन बार के सांसद श्री बिड़ला आज ध्वनि मत के बाद लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए। प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।
आजादी के बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए यह केवल तीसरा चुनाव था। कांग्रेस ने अपने आठवीं बार चुने गए सांसद के सुरेश को ओम बिड़ला के खिलाफ चुनाव में उतारा। जाहिर सी बात है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए संख्या बिड़ला के पक्ष में थीं। एनडीए उम्मीदवार को 297 सांसदों का, वहीं विपक्ष को 232 सांसदों का समर्थन प्राप्त था।