बिहार में आचार संहिता लागू होने के बाद भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हुई है। माना जा रहा है कि जब्त किए गए शराब को चुनाव के दौरान बांटा जाना था।
बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की डुगडुगी बज चुकी है। चुनावी रण में उतरने के लिए उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है। इसी बीच 71 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी, शराब, ड्रग्स और कीमती धातुएं जब्त की गई हैं। जिसकी जानकारी निर्वाचन आयोग ने X पर साझा दी है।
निर्वाचन आयोग (ECI) ने X पर लिखा, 'बिहार विधानसभा आम निर्वाचन, 2025 के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने के पश्चात राज्य में प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा व्यापक रूप से निगरानी और गहन जांच अभियान चलाया जा रहा है। मतदाताओं को प्रलोभन देने हेतु नकद, शराब, मादक पदार्थ, बहुमूल्य वस्तुएं अथवा अन्य उपहारों के वितरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से की जा रही कार्रवाई के क्रम में बड़ी मात्रा में जब्ती की गई है।'
आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने के बाद अब तक की प्रमुख जब्ती
आयोग ने 6 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा की थी। बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, पहला चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि बिहार में 824 फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किए गए हैं, ताकि चुनाव संबंधी शिकायतों का निपटारा 100 मिनट के अंदर किया जा सके।
बिहार में शराबबंदी लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके है। नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की थी, जिसके बाद शराब के निर्माण और व्यापार पर पूरी तर रोक लगा दी गई थी, लेकिन शराब अब वैध नहीं अवैध तरीके से बेची और पी जा रही है। सरकारी रिपोर्ट की मानें तो बीते इन नौ सालों में जहरीली शराब से 175 लोगों की मौत हुई है। वास्तिवक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।
सरकारी आंकड़ों पर नजर डाले तो बिहार में शराबबंदी के उल्लंघन पर अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2025 तक करीब 9.36 लाख मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 14.32 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं आबकारी विभाग ने इन 9 सालों में 3.86 करोड़ शराब जब्त (देशी शराब भी शामिल) की है। जिसमें से करीब 3.77 लाख (97 प्रतिशत) शराब को नष्ट किया जा चुका है।