राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, तीन राज्यों में जाल बिछाकर 599 किलो गांजे की खेप पकड़ी

डंकी रूट के जरिए चल रही गांजा तस्करी का खुलासा हुआ है। मप्र एसटीएफ ने 599 किलो गांजा और एक ट्रक जब्त कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में नए साल में नशे की खेप खपाने की साजिश सामने आई है।

less than 1 minute read
Dec 27, 2025
AI Generated Images

शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ आपको याद होगी। वीजा न मिलने या टॉफेल की परीक्षा पास न करने वाले फिल्म में भारत से अमरीका जाने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे ही डंकी रूट का इस्तेमाल नशे के तस्कर भी कर रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब मप्र एसटीएफ ने तीन राज्यों में जाल बिछाकर 599 किलो गांजे की खेप पकड़ी। इसकी कीमत 1.80 करोड़ आंकी गई है। मप्र और छत्तीसगढ़ सीमा से लगे अनूपपुर के जंगलों में कार्रवाई कर 30 लाख के ट्रक समेत गांजा के साथ एसटीएफ ने दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया।

सीधी जिले के अंकित विश्वकर्मा और सतना के धनंजय सिंह पटेल इस तस्करी में जुटे थे। तस्करों ने पूछताछ में कबूला कि गांजे की इतनी बड़ी खेप नए साल में खपाने के लिए लाई गई थी। नशे की इस कन्साइनमेंट के पकड़े जाने के बाद पत्रिका ने नारकोटिक्स विभाग समेत सीमावर्ती जिलों के कई पुलिस अफसरों से बात की। इसमें साफ हुआ कि तस्कर मादक पदार्थों को लाने के लिए तस्करों ने तीन रूट तैयार किए हैं।

ये भी पढ़ें

एमपी में बना बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे लोकार्पण

पैडलरों को सप्लाई का जिम्मा

ड्रग की तस्करी नीमच से तो गांजे की तस्करी ओडिशा से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और फिर अनूपपुर के रास्ते जबलपुर तक पहुंचती है। वहीं, नशीली सिरप के लिए रीवा को ट्रांजिट प्वॉइंट बनाए रखा है। छोटे- छोटे पैडलर अन्य जिलों में सप्लाई करते हैं।

एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि ओडिशा से मप्र तक गांजा लाने के लिए तस्करों ने 15 अलग-अलग रास्ते बना रखे हैं। इसलिए हमें आनन-फानन में दो बड़ी टीमों के साथ पांच छोटी टीमें तैनात करनी पड़ी। हैरानी की बात यह है कि ये सभी रास्ते जंगल से गुजरते हैं।

Updated on:
27 Dec 2025 01:32 am
Published on:
27 Dec 2025 01:29 am
Also Read
View All

अगली खबर