राजधानी दिल्ली में प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन नक्सली नारों और हिंसा में बदल गया, जिसके बाद पुलिस ने 15 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुए एक प्रदर्शन ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। दिल्ली में कई दिनों से जहरीली हवा के खिलाफ युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में कल भी कुछ लोग इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे। लेकिन पर्यावरण बचाने की आड़ में इन लोगों के मनसूबे कुछ और ही थे। प्रदूषण का विरोध करते करते यह लोग अचानक माडवी हिड़मा और चारू मजूमदार जैसे नक्सलियों के समर्थन में नारे लगाने लगे। प्रदर्शनकारियों ने 'माडवी हिडमा अमर रहे' और 'हर घर से चारू निकलेगा' जैसे नारे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इन लोगों ने रोके जाने पर पुलिस पर पेपर स्प्रे भी छिड़क दिया जिसके बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।
प्रदुषण के खिलाफ शुरू हुआ यह प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो गया। पर्यावरण बचाने के नारे लगाते लगाते यह लोग 'कितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा' और 'माडवी हिडमा जिंदाबाद' जैसे नारे लगाने लगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि प्रदर्शनकारियों ने 'कितने चारू मारोगा, हर घर से चारू निकलेगा' जैसे नारे भी लगाए। इस प्रदर्शन के दौरान यह लोग हाथों में 'बिरसा मुंडा से लेकर माडवी हिडमा तक, हमारे जंगलों और पर्यावरण का संघर्ष जारी रहेगा।' लिखे बैनर लिए भी दिखाई दिए।
बता दें कि, चारू मजूमदार वहीं नक्सली है जिसे देश में नक्सलवाद का जनक माना जाता है। दशकों पहले मारे गए चारू मजूमदार से आज भी नक्सली प्रेरणा लेते है। वहीं 26 सशस्त्र हमलों के लिए जिम्मेदार माओवादी नेता हिडमा 18 नवंबर को एक मुठभेड़ में मारा गया था। हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की एक बटालियन का नेतृत्व करता था। वह CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य था। साथ ही वह बस्तर क्षेत्र से केंद्रीय समिति में शामिल होने वाला एकमात्र आदिवासी सदस्य भी था। कई बड़े हमलों के मास्टरमाइंड हिडमा पर 50 लाख का इनाम था।
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार जनता के हितों के लिए नहीं बल्कि सिर्फ प्रोफिट के लिए काम करती है। इस प्रदर्शन के वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। वीडियो में युवा कहते दिख रहे हैं कि, प्रदुषण से निपटने के लिए माओवादी जो मॉडल बस्तर और बीजापुर में लाए थे वहीं हमे दिल्ली में लाने की जरूरत है। हम जल, जंगल, जमीन और माओवादी की लड़ाई को आगे लेकर जाएंगे और उनका साथ देंगे।
यह दर्शाता है कि इन युवाओं ने इन नक्सलियों को अपने आइडल माना है। लेकिन सोचने वाली बात है कि ऐसे नक्सलियों के समर्थन में नारे लगा कर यह दुनिया को क्या मैसेज देना चाह रहे है। क्या प्रदुषण के विरोध में नक्सलवाद का समर्थन ठीक है? पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि, इंडिया गेट पर 50 से 60 प्रदर्शनकारी मौजूद थे। इन्होंने रोड़े जाम की और यातायात पूरी तरह से बाधित कर दिया। जब पुलिसकर्मियों ने इन लोगों को सड़कों से हटाने की कोशिश की तो इन्होंने पुलिस की आंखों में पेपर स्प्रे डाल दिया, जिसकी वजह से कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। पुलिस ने दावा किया कि इस प्रदर्शन के दौरान कई संदिग्ध गतिविधियां भी देखी गई। अब तक इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।