इस बीच कथित आत्महत्या ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को भाजपा की भय और विभाजन की राजनीति का अभियोग करार दिया है।
CM Mamata Banerjee Targeted BJP: पश्चिम बंगाल के बैरकपुर के पानीघाटी में 57 वर्षीय प्रदीप कर ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कथित सुसाइड नोट में उन्होंने मौत के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को जिम्मेदार ठहराया है। घटना ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है।
पुलिस ने प्रदीप के घर से एक डायरी बरामद की, जिसमें एक पृष्ठ पर लिखा था, 'एनआरसी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है।' बैरकपुर पुलिस आयुक्त मुरलीधर शर्मा ने बताया कि सोमवार को चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की थी। इसके बाद से प्रदीप काफी परेशान थे।
परिवार के सदस्यों के अनुसार, प्रदीप का जन्म और पालन-पोषण पश्चिम बंगाल में ही हुआ था, लेकिन उनके पिता बांग्लादेश से आए थे। घोषणा के बाद वे बेचैन रहने लगे। सोमवार रात खाना खाने के बाद कमरे में चले गए। मंगलवार सुबह भाभी ने कई बार फोन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो वे फंदे से लटके मिले। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जांच जारी है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर तीखा हमला बोला। अपने एक्स हैंडल पर लिखा, '4 महाज्योति नगर, पानीहाटी, खरदाहा (वार्ड नंबर 9) के 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली। नोट में लिखा- एनआरसी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है। भाजपा की भय और विभाजन की राजनीति का इससे बड़ा अभियोग और क्या हो सकता है?'
विपक्षी भाजपा असम की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही है। पार्टी का आरोप है कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए बड़ी संख्या में हैं और एनआरसी से उन्हें चिह्नित कर बाहर किया जा सकता है। प्रदीप की मौत ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। घटना से ठीक पहले एसआईआर की घोषणा ने नागरिकता और मतदाता सूची को लेकर डर बढ़ा दिया है।