विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, करीब 3.54 करोड़ प्रवासी भारतीय विदेशों में रह रहे हैं। इनमें से 54 लाख 9 हजार से ज्यादा भारतीय अकेले अमेरिका में रहते हैं। पढ़िए शादाब अहमद की खास रिपोर्ट...
3.54 Crore NRIs in The World: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार तकनीकी क्षेत्र, शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसरों के साथ बिजनेस के लिए करीब 3.54 करोड़ प्रवासी भारतीय विदेशों में रह रहे हैं। इनमें से करीब 54 लाख 9 हजार से ज्यादा भारतीय अकेले अमेरिका में रहते हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर 35 लाख 68 हजार भारतीय यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे हैं। बेहतर अवसर की तलाश में भारतीयों की सबसे पसंदीदा मंजिल अमेरिका बना हुआ है। वहां भारतीयों की संख्या के लगातार बढ़ने के पीछे उनकी अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा, टेक्नोलॉजी और शैक्षणिक संस्थानों की लोकप्रियता और बेहतर अवसर माने जाते हैं। दुबई जैसे शहर वाले यूएई में भारतीयों की बड़ी उपस्थिति का कारण है वहां के निर्माण, पेट्रोलियम और सेवा क्षेत्रों में उपलब्ध बड़ी संख्या में रोजगार अवसर है।
भारतीयों की वैश्विक मांग का बड़ा कारण है भारतीयों की तकनीकी दक्षता, अंग्रेजी भाषा पर पकड़ और मेहनती स्वभाव। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से भी प्रवासी भारतीयों को जोड़ने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का असर भी दिख रहा है। प्रवासी भारतीय न केवल विदेशी अर्थव्यवस्थाओं में योगदान दे रहे हैं, बल्कि वे भारत के लिए सॉफ्ट पावर के रूप में भी काम कर रहे हैं। ये प्रवासी दुनियाभर में भारत की संस्कृति, योग, खानपान और परंपराओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लिबिया, सन मेरिनो, ट्यूनिश्यिा और वनआतु में एक भी भारतीय नहीं रहता है। इसके पीछे वहां की भौगोलिक परिस्थिति के साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अशांति का माहौल होना है।
| क्रमांक | देश | प्रवासी भारतीयों की संख्या |
|---|---|---|
| 1 | अमेरिका | 54,09,062 |
| 2 | यूएई | 35,68,848 |
| 3 | मलेशिया | 29,14,127 |
| 4 | कनाडा | 28,75,954 |
| 5 | सऊदी अरब | 24,63,509 |
| 6 | म्यांमार | 2,02,660 |
| 7 | ब्रिटेन | 18,64,318 |
| 8 | दक्षिण अफ्रीका | 17,00,000 |
| 9 | श्रीलंका | 16,07,500 |
| 10 | कुवैत | 9,95,528 |