IMD Rainfall Alert: जम्मू-कश्मीर से केरल और राजस्थान से असम तक अधिकतर राज्यों में बारिश का दौर जारी है। IMD ने सोमवार को भी राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ सहित 10 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
Rain Alert: देशभर में मानसून मेहरबान है। सावन के महीने में हर ओर बारिश का दौर जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से केरल और राजस्थान से असम तक अधिकतर राज्यों में बारिश का दौर जारी है। विभाग ने सोमवार को भी राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ सहित 10 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भरने से जगह-जग जाम लग गया। उत्तराखंड के चमोली जिले में भूस्खलन के बाद बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया। इससे चारधाम तीर्थयात्री जगह-जगह फंस गए हैं। हाईवे खोलने का काम जारी है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 288 सडक़ों को बंद कर दिया गया। राज्य की कई नदियां उफान पर हैं। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है। वहां भी नदियां उफान पर हैं।
उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में बाढ़ जैसे हालत हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सीढिय़ों तक पानी पहुंच गया। इसके कारण धाम के गंगा द्वार समेत तीन दरवाजों से प्रवेश बंद कर दिया गया। बिहार में गंगा नदी उफान पर है। गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, नई दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा।
पंजाब के होशियारपुर से 34 किलोमीटर दूर जैजों में छोटी बरसाती नदी में एक कार बह गई। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं। एक व्यक्ति को बचा लिया गया। ये लोग हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और विवाह समारोह में शामिल होने पंजाब के एसबीएस नगर जिले के मेहरोवाल गांव जा रहे थे।
कर्नाटक के तुंगभद्रा बांध में अधिक पानी भर जाने से एक गेट की चेन टूट गई, जिससे पानी तेजी से बहने लगा। अधिकारियों ने खतरे को देखते हुए बांध की सभी 33 गेट खोल दिए। बांध से करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोडऩे के बाद गेट की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। इस तरह की घटना बांध के 70 साल के इतिहास में पहली बार हुई है।