Work-Life Balance: अदार पूनावाला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आनंद महिंद्रा आपने सही कहा है। मेरी पत्नी भी सोचती है कि मैं बेहद शानदार व्यक्ति हूं और रविवार को उसे मुझे निहारना पसंद है।
Work-Life Balance: वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर छिड़ी बहस के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अत्यधिक कार्य घंटों के विचार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि काम की मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता जरूरी है। अदार पूनावाला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) आपने सही कहा है। मेरी पत्नी भी सोचती है कि मैं बेहद शानदार व्यक्ति हूं और रविवार को उसे मुझे निहारना पसंद है।
वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है। उन्होंने कहा कि मेरा कहना यह है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा न कि काम की मात्रा पर। इसलिए यह 40 घंटे, 70 घंटे, 90 घंटे की बात ही नहीं है। आप क्या परिणाम दे रहे हैं? भले ही यह 10 घंटे का हो, आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में आनंद महिंद्रा ने राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वह इसलिए नहीं हैं कि वह अकेले हैं। उन्होंने कहा कि मेरी बीवी बहुत खूबसूरत है। मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है। मैं उसके साथ ज्यादा समय बिताता हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, अगर आप दोस्तों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, अगर आप पढ़ नहीं रहे, अगर आपके पास सोचने-समझने का समय नहीं है, तो आप फैसला लेने में सही इनपुट कैसे ले आएंगे।
शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल ने लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन की विवादास्पद टिप्पणी ‘आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?’ पर कटाक्ष किया है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि लेकिन सर, अगर पति-पत्नी एक-दूसरे को नहीं देखेंगे, तो हम दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश कैसे बने रहेंगे?
वर्क-बैलेंस लाइफ को लेकर उद्योगपति गौतम अडाणी ने भी इससे पहले प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि आपका कार्य जीवन संतुलन मुझ पर नहीं थोपा जाना चाहिए और मेरा कार्य जीवन आप पर नहीं थोपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्य जीवन संतुलन का सार व्यक्ति की अपनी और प्रियजनों की खुशी में निहित है।