माउंट एवरेस्ट पर दशकों से जमा कचरे और मानव अवशेषों को हटाने के लिए नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पुरानी 'जमानत राशि' योजना को खत्म कर अब रोपवे, ड्रोन और जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीकों से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को साफ किया जाएगा। जानें क्या है नेपाल का नया मेगा प्लान।
Nepal Everest Waste Policy: नेपाल सरकार माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर कचरा कम करने के लिए लागू की गई अपनी 11 साल पुरानी योजना को खत्म करने जा रही है। इस योजना के तहत पर्वतारोहियों को चढ़ाई से पहले 4,000 डॉलर जमा कराने होते थे। एवरेस्ट से कम से कम 8 किलो कचरा नीचे लाने पर इसे वापस किया जाता था।
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर पर्वतारोही ऊपरी कैंप की जगह निचले कैंपों से कचरा इकट्ठा कर जमानत वापस ले लेते थे। नतीजतन, ऊंचाई वाले कैंपों में मानव मल, प्लास्टिक, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, फटे टेंट, रस्सियां और यहां तक कि मृत पर्वतारोहियों के शव भी पड़े रह गए। इस वजह से एवरेस्ट को दुनिया का सबसे ऊंचा कूड़ाघर भी कहा जाने लगा है।
अब नेपाल सरकार ने एक नई रणनीति अपनाने का फैसला किया है। इस पांच वर्षीय योजना के तहत रोपवे, ड्रोन, जीपीएस ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन तकनीकों की मदद से कचरे की निगरानी, उसकी पहचान और वापसी को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जाएगा। हर साल ऑडिट किया जाएगा। ऊंचाई पर सफाई दल तैनात रहेंगे
बेस कैंप और ऊंचे कैंपों पर कचरा संग्रह केंद्र बनाए जाएंगे। चढ़ाई के व्यस्त मौसम में निगरानी को मजबूत किया जाएगा और खास ऊंचाई पर सफाई दल तैनात किए जाएंगे। हर साल नियमित सफाई अभियान चलाकर दशकों से जमा पुराने कचरे और मानव अवशेषों को हटाया जाएगा। नेपाल सरकार का मानना है कि यह योजना हिमालयी चोटियों को लंबे समय तक साफ रखने में मदद करेगा।