Tahawwur Rana Custody Extension: एनआईए कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 8 सितंबर तक बढ़ा दी है। मामले की जांच अभी भी चल रही है और अदालत में दस्तावेजों की जांच का चरण जारी है।
Tahawwur Rana Custody Extension: एनआईए विशेष अदालत ने बुधवार को तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 8 सितंबर तक बढ़ा दी है। हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद तहव्वुर राणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। एनआईए ने पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है और अब मामले की जांच दस्तावेजों की समीक्षा के चरण में है। ध्यान रहे कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में एक संगठित आतंकवादी हमला हुआ था, जिसे ‘26/11 मुंबई हमले’ के नाम से जाना जाता है। इस हमले में आतंकवादियों ने कई जगहों पर फायरिंग और बम विस्फोट किए थे। इस हमले में लगभग 166 लोग मारे गए और कई लोग घायल हुए। हमले की गहराई और योजना को देखते हुए इसे भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमला माना जाता है।
इस हमले में कुल 10 आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से अधिकांश मारे गए या गिरफ्तार हो चुके हैं। तहव्वुर राणा उन मुख्य आरोपितों में से एक हैं, जिन पर हमले में मदद और सहायता देने का आरोप है। इस मामले की जांच भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की थी। एनआईए ने इस मामले में विस्तृत छानबीन कर सबूत जुटाए हैं और कई आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। भारत सरकार ने अमेरिका के साथ सहयोग कर उन्हें भारतीय न्यायालय के सामने पेश किया। प्रत्यर्पण के बाद उन्हें विशेष एनआईए अदालत में रखा गया है और उनकी न्यायिक प्रक्रिया जारी है।
तहव्वुर राणा वर्तमान में भारत के एक विशेष जेल में बंद हैं, जहां उसकी सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है। उनकी न्यायिक हिरासत नियमित रूप से बढ़ाई जाती है, ताकि जांच पूरी हो सके और उन्हें उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत पेश किया जा सके।
तहव्वुर राणा भारत में 26/11 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी है। उस पर आरोप है कि उसने आतंकवादियों को हमले में मदद और समर्थन दिया था। तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था, जहां वह अब विशेष एनआईए अदालत के तहत न्यायिक हिरासत में हैं। उसके खिलाफ इस मामले में जांच चल रही है और वह आतंकवादी गतिविधियों में सहयोग देने के आरोपों का सामना कर रहा है।
तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत बढ़ाना इस बात का संकेत है कि मामले की जांच अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। इससे साफ होता है कि सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में गहराई से सुबूत जुटा रही हैं, जो देश की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। आगे की प्रक्रिया में देखना होगा कि एनआईए कब तक आरोपपत्र दाखिल करती है और अदालत में आगे की सुनवाई कब शुरू होती है। साथ ही, तहव्वुर राणा के खिलाफ मौजूद सुबूत और गवाहों के बयान भी अहम भूमिका निभाएंगे।
बहरहाल 26/11 के बाद भारत में आतंकवाद के खिलाफ कानून और जांच प्रक्रिया में काफी बदलाव आए हैं। तहव्वुर राणा केस ऐसे कई मामलों में से एक है जो बताता है कि भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए कितनी सख्ती और तकनीकी सुधार किए हैं।