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जहर उगलने वालों की खैर नहीं, Digital Strike के तहत होगा ऑनलाइन यूजर्स पर एक्शन

Content on Social Media: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और अन्य खुफिया एजेंसियों ने 'ऑपरेशन डिजिटल स्ट्राइक' के तहत ऐसे ऑनलाइन यूजर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

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Jul 08, 2025
Social Media Platform (प्रतीकात्मक फोटो)

Digital Strike in India: देश के खिलाफ जहर उगलने, नफरत फैलाने और आतंकी प्रचार करने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स की अब खैर नहीं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और अन्य खुफिया एजेंसियों ने 'ऑपरेशन डिजिटल स्ट्राइक' के तहत ऐसे ऑनलाइन यूजर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यह कार्रवाई न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में बैठे पाकिस्तान, चीन, खालिस्तान समर्थक गुटों और ISIS जैसे संगठनों के प्रचारकों को भी निशाना बना रही है।

NIA रख रही नजर

NIA की एक विशेष टीम चौबीसों घंटे फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एल्गोरिदम की मदद से देशविरोधी कंटेंट, फेक न्यूज, सांप्रदायिक भड़काऊ पोस्ट, आतंकी विचारधारा और अश्लील सामग्री को तुरंत पहचाना जा रहा है। संदिग्ध अकाउंट्स की पोस्ट, मैसेज, शेयरिंग हिस्ट्री और IP एड्रेस का रिकॉर्ड तैयार कर कार्रवाई की जा रही है।

ऑपरेशन डिजिटल स्ट्राइक

NIA और खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया कंपनियों जैसे मेटा, एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को ब्लॉकिंग रिक्वेस्ट भेज रही हैं। ये अनुरोध भारतीय कानून की विभिन्न धाराओं के तहत किए जा रहे हैं। इसके अलावा, गृह मंत्रालय के माध्यम से भी संदिग्ध अकाउंट्स को ब्लॉक करवाया जा रहा है। स्क्रीनशॉट, लिंक और तकनीकी मेटाडेटा को सबूत के तौर पर सहेजा जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर कोर्ट में पेश किया जा सके।

कौन हैं निशाने पर?

इस अभियान के तहत खालिस्तान समर्थक अकाउंट्स, ISIS के प्रचारक, और देश के खिलाफ भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले लोग शामिल हैं। विदेशों में बैठे गैंगस्टर और आतंकी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। AI टूल्स की मदद से इन अकाउंट्स की गतिविधियों को ट्रैक कर उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।

कानूनी कार्रवाई और सजा

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी हाल ही में डिजिटल मीडिया नीति-2024 लागू की है, जिसमें आपत्तिजनक और राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

जनता से अपील

एजेंसियों ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध कंटेंट को तुरंत रिपोर्ट करें। साथ ही, फेक न्यूज और भड़काऊ सामग्री से बचने के लिए जागरूक रहें। यह ऑपरेशन न केवल ऑनलाइन नफरत को रोकने के लिए है, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता को बनाए रखने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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