पश्चिम बंगाल में अगले महीने से एसआईआर की शुरुआत होने जा रही है, इसमें मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया के फॉर्म में राज्य के उन प्रवासी श्रमिकों के लिए एक अलग कॉलम होगा, जो वर्तमान में अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं।
SIR Launched in West Bengal: पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने प्रवासी श्रमिकों के लिए मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टि रोकने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है। सीईओ कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को एक अलग कॉलम में स्व-घोषणा करनी होगी कि उनकी मतदाता सूची में पश्चिम बंगाल के अलावा किसी अन्य राज्य, विशेष रूप से उनके रोजगार के लिए प्रवास किए गए राज्य में, उनका नाम दर्ज नहीं है। सूत्र ने कहा, यह सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी प्रवासी श्रमिक का नाम एक से अधिक राज्यों में दर्ज न हो।
पश्चिम बंगाल में विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) के लिए फॉर्म छपाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रत्येक मतदाता को दो एसआईआर फॉर्म दिए जाएंगे—एक मतदाता के पास रहेगा और दूसरा बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के पास जमा होगा। इस बार का एसआईआर 2002 में हुए अंतिम मतदाता सूची संशोधन पर आधारित होगा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, राज्य में प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगभग 22 लाख है, हालांकि कई लोगों का मानना है कि यह संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
सीईओ कार्यालय ने SIR प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। बीएलओ, जो इस प्रक्रिया में जमीनी स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, उनकी आचरण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बीएलओ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यदि उन्हें अपने काम के दौरान किसी भी राजनीतिक संगठन या राज्य प्रशासनिक मशीनरी से हस्तक्षेप, प्रतिरोध या जानबूझकर असहयोग का सामना करना पड़ता है, तो वे तुरंत इसकी सूचना सीईओ कार्यालय को दें।
सीईओ कार्यालय का यह कदम प्रवासी श्रमिकों की मतदाता सूची को और अधिक विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह प्रक्रिया न केवल दोहरी प्रविष्टियों को रोकेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी पात्र मतदाताओं को उनके मताधिकार का उपयोग करने का अवसर मिले।