One Nation One Election: विधेयक में कहा गया है कि आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति लोकसभा की पहली बैठक के दौरान ऐलान करेंगे कि एक राष्ट्र एक चुनाव कब से लागू होगा। ऐसे में यह प्रक्रिया 2034 के चुनाव से शुरू हो पाएगी।
One Nation One Election: देश में लंबे समय से बहस का मुद्दा रहे 'एक देश, एक चुनाव' (One Nation One Election) के प्रस्ताव को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावों में होने वाले वित्तीय खर्चे में कटौती की जा सके। 'एक देश, एक चुनाव' के समर्थकों का तर्क है कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सकता है, खर्चों को कम कर सकता है। वहीँ विपक्षी दलों में इसका विरोध किया जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है की इस विधेयक में कौन-कौन से प्रस्ताव रखे गए है।
'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इसके प्रस्तावों से जुड़ी प्रतियां प्रसारित की गई हैं। इन नए प्रस्तावों के मुताबिक, देश में एक साथ चुनाव कराने का कार्यक्रम 2034 तक जमीन पर लागू नहीं हो सकेगा। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद जल्द एक व्यापक विधेयक आने की उम्मीद है।
पारित विधेयक के मुताबिक यदि लोकसभा या किसी विधानसभा को उसके पूर्ण कार्यकाल से पहले भंग कर दिया जाता है, तो मध्यावधि चुनाव केवल उस सदन के बचते हुए कार्यकाल को पूरा करने के लिए होंगे। इसका मतलब यह होगा कि एक नई पांच साल की अवधि की शुरुआत नहीं होगी, और केंद्र तथा राज्यों में चुनावों का एक साथ होने वाला पांच साल का समय-निर्धारण हर स्थिति में सुनिश्चित किया जाएगा।
विधेयक में एक नए अनुच्छेद 82ए को शामिल करने का प्रस्ताव है जिसके मुताबिक, लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव और अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) और अनुच्छेद 327 में (विधानमंडलों के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति) में संशोधन किया जाना है।
इस विधेयक के कानून बनने पर आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख पर राष्ट्रपति की तरफ से एक अधिसूचना जारी की जाएगी और अधिसूचना की उस तारीख को नियत तिथि कहा जाएगा।
प्रस्ताव के मुताबिक, ‘‘इसके बाद, लोकसभा और विधानसभाओं के सभी आम चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।’’
यह 'नियत तिथि' 2029 के लोकसभा चुनाव में तय होगी। इस लिहाज से 2034 में एक देश-एक चुनाव की व्यवस्था लागू हो सकेगी। विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा या विधानसभा के पूर्ण कार्यकाल से पहले भंग होने की स्थिति में बचे हुए कार्यकाल की शेष अवधि के लिए ही चुनाव होगा।