Online Gaming Bill News: ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 राज्यसभा में 21 अगस्त को पारित हो गया जबकि लोकसभा में कल ही पारित हो गया था। जानिए, इस बिल के पारित हो जाने से क्या फर्क पड़ेगा।
Online Gaming Bill Passed: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 पेश किया। राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच यह विधेयक गुरुवार को ही पारित भी हो गया। इस दौरान सदन में नारेबाजी होती रही, जिसके कारण बिना चर्चा के ही यह बिल पारित किया गया।
सदन में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बिल के माध्यम से ऑनलाइन सोशल गेम को प्रोत्साहित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के दो तिहाई सेगमेंट को इस बिल में प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें एक सेगमेंट, ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगाने का प्रावधान भी है।
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग समाज में खास तौर पर मध्यम वर्गीय लोगों में बड़ी समस्या बनकर उभरा है। इसमें परिवारों की जिंदगी भर की बचत चली गई। एक अनुमान है कि 45 करोड़ लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। लोगों की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की मेहनत की कमाई इसमें नष्ट हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए बताया कि ऑनलाइन मनी गेमिंग के कारण कई लोगों ने आत्महत्या की है। आज ये हैं ऑनलाइन गेमिंग की समस्या ड्रग्स की समस्या की तरह बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि जब हमारे मध्यम वर्गीय परिवारों को बचाने का विषय आता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में सबसे पहले हमारे मध्यम वर्गीय परिवार और युवा आते हैं। यह विधेयक गुरुवार को राज्यसभा के संशोधित एजेंडे में शामिल किया गया है। मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था और आज आखिरी दिन है। इस पूरे सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिलाकर 26 विधेयक पारित हुए।
उपसभापति ने इस की जानकारी देते हुए राज्यसभा सांसदों से कहा था कि यदि वे इस विधेयक के संबंध में कोई सुझाव या संशोधन देना चाहते हों तो वे अपने सुझाव एवं संशोधन उनको प्रेषित कर सकते हैं।
गौरतलब है बुधवार को ही यह विधेयक लोकसभा से पारित हुआ है। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र का प्रोत्साहन एवं नियमन करने से संबंधित है। इस का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेलों को बढ़ावा देना है। इस विधेयक के माध्यम से संबंधित उद्योगों के विकास और पारदर्शिता के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। ऑनलाइन मनी गेम्स (ऑनलाइन जुए) पर रोक का प्रावधान भी इस विधेयक में शामिल है। किसी भी प्रकार के सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन खेल की पेशकश, संचालन, विज्ञापन, प्रचार-प्रसार या भागीदारी पर इस के माध्यम से प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। विशेष रूप से ऐसी गतिविधियां जो राज्यों की सीमाओं के पार या विदेशी क्षेत्रों से संचालित होती हैं।
यह विधेयक जनहित और समाज की सुरक्षा व युवाओं और संवेदनशील समूहों को ऑनलाइन मनी गेम्स से होने वाले सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और निजता संबंधी दुष्प्रभावों से बचाने का प्रावधान रखता है। साथ ही यह डिजिटल प्रौद्योगिकी का जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से उपयोग सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य लोक व्यवस्था, जन स्वास्थ्य और वित्तीय प्रणाली की अखंडता की रक्षा करना भी है। राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को सुरक्षित रखना व एक समान कानूनी ढांचा प्रदान करना भी विधेयक का उद्देश्य है।
पूरे देश में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर राष्ट्रीय स्तर का एकसमान कानूनी ढांचा उपलब्ध कराना ताकि राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय बन सके। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक सुनियोजित और पारदर्शी व्यवस्था तैयार करेगा। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और विदेशी वेबसाइटों से चलने वाले मनी गेम्स पर सख्त रोक लगेगी। साथ ही, देश में ई-स्पोर्ट्स और शैक्षणिक खेलों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा। इसका मकसद है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग को अवसर और नवाचार का माध्यम बनाया जाए, लेकिन गैर-कानूनी और हानिकारक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाए।
स्रोत-आईएएनएस