लोकसभा में 28 जुलाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर 16 घंटे की चर्चा होगी, जिसमें पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा था। अब उनके लंदन से वापस लौटने का इंतजार है और फिर चर्चा शुरू होगी। यह चर्चा महत्वपूर्ण मानी जा रही है
विपक्ष लगातार मोदी सरकार से सदन में 'ऑपरेशन सिंदूर' के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने की मांग कर रहा है। अब इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।
सूत्रों के हवाले से यह जानकरी मिल रही है कि लोकसभा में 28 जुलाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हो सकती है। इस चर्चा के दौरान सदन में पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे। अब उनके लंदन से वापस लौटने का इंतजार है।
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव की अपनी विदेश यात्रा समाप्त करने के बाद इस चर्चा में भाग लेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन में जवाब देंगे। इससे पहले, दिल्ली में राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक हुई। बैठक के दौरान, 29 जुलाई को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा विदाई भाषण देने की विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया था।
सरकार विपक्ष की इस मांग पर सहमत हो गई कि सेवानिवृत्त होने वाले सात सांसदों को विदाई भाषण देने की अनुमति दी जाए।
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार किए गए 'युद्धविराम' के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच 'युद्धविराम' कराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कैसे बयान दे सकते हैं? क्या बोलेंगे पीएम कि ट्रंप ने करवाया है? (वह क्या कहेंगे? क्या ट्रंप ने इसकी घोषणा की?
वह यह नहीं कह सकते, लेकिन यह सच है। पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की है। हम सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते।
राहुल ने कहा कि यह केवल युद्धविराम की बात नहीं है। रक्षा, रक्षा निर्माण और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े कई बड़े मुद्दे हैं जिन पर हम चर्चा करना चाहेंगे। स्थिति सामान्य नहीं है, पूरा देश जानता है।
गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रंप के युद्धविराम के दावों पर एक भी प्रतिक्रिया नहीं दे पाए हैं, जिसे उन्होंने अब तक 25 बार दोहराया है।