Indigo Crisis: इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने सबके सामने माफ़ी मांगी और माना कि एयरलाइन को 5 दिसंबर को फ़्लाइट में रुकावट का सबसे बुरा असर झेलना पड़ा।
Indigo Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों परिचालन संकट से जूझ रही है। शुक्रवार, 5 दिसंबर को अकेले देश भर में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। यह कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा एक दिन रहा। इस स्थिति पर एयरलाइन के सीईओ पीटर एल्बर्स ने अपना पहला आधिकारिक बयान जारी किया है।
IndiGo ने बताया है कि पायलटों और फ्लाइट क्रू के लिए नए लागू हुए Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियमों के कारण अचानक परिचालन में गड़बड़ी हुई। समय-सारिणी और क्रू उपलब्धता में असंतुलन से उड़ान संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। एल्बर्स ने स्वीकार किया कि पहले किए गए कदम पर्याप्त नहीं थे, इसलिए सिस्टम और शेड्यूल को पूरी तरह रीबूट करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ दिनों के उपाय काम नहीं कर पाए। आज हमने अपनी पूरी प्रणाली और समय-सारिणियों को फिर से सेट किया है, ताकि कल से सुधार की शुरुआत हो सके।'
एल्बर्स ने कहा कि यात्रियों को हुई असुविधा के लिए वे पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और दिल से माफी मांगते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 6 दिसंबर से रद्द उड़ानों की संख्या 1,000 से नीचे आ जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि 10 से 15 दिसंबर तक परिचालन पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है।
IndiGo इस दौरान कई सुधारात्मक कदम उठा रही है —
इस बड़े पैमाने पर उड़ान रद्दीकरण से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई सहित कई प्रमुख हवाईअड्डों पर भारी अव्यवस्था देखी गई। कई यात्री घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे। कुछ यात्रियों को रिफंड या री-बुकिंग में भी देरी का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने फ्लाइट स्टेटस को नियमित रूप से चेक करें और बिना पुष्टि के एयरपोर्ट न जाएं।
IndiGo की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वह फिलहाल तेजी से सुधार की दिशा में काम कर रही है। CEO ने कहा कि संकट जितना गहरा दिख रहा है, सुधार उतनी ही तेजी से किया जाएगा। अगर सब योजना के अनुसार हुआ, तो अगले हफ्ते से यात्रियों को अधिक स्थिर उड़ानें, रिफंड की सुगम प्रक्रिया, और बेहतर जानकारी दिखने लगेगी।
इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, विमानन नियामक DGCA द्वारा FDTL नियमों में राहत और एयरलाइन के बेहतर क्रू-मैनेजमेंट जैसे कारक भविष्य में ऐसे संकटों को रोकने में मदद कर सकते हैं।