Conversation Between PM and Sonia Gandhi: भारतीय संसद पर 2001 में आतंकी हमला हुआ था। उस दौरान सोनिया गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया था। दोनों नेताओं के बीच की बातचीत को मीडिया सलाहकार अशोक टंडन ने अपनी किताब में प्रस्तुत किया है।
Ashok Tandon on Vajpayee: दिल्ली में हुए आतंकी हमलों का इतिहास पुराना है। दिल्ली 2001 में भी भीषण आतंकी हमले का शिकार हुई थी। इस बार आतंकियों का निशाना दिल्ली में स्थित संसद भवन था। आतंकियों के हमले के समय संसदीय कार्यवाही चल रही थी। उस वक्त कई बड़े नेता संसद भवन में ही मौजूद थे। पूर्व PM वाजपेयी के करीबी अशोक टंडन की किताब का एक दावा खूब सुर्खियां बटोर रहा है कि संसद भवन पर आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया था। साथ ही, किताब में दावा किया गया है कि सोनिया गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी से बातचीत के दौरान उनकी सलामती की खबर पूछी थी।
किताब में बताया गया कि हमले के वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पीएम हाउस पर ही मौजूद थे। साथ ही वह, मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे, संसद भवन पर हुए हमले की खबर को TV पर देख रहे थे। उस वक्त प्रधानमंत्री के साथ कई और मंत्री भी उनके घर पर ही मौजूद थे।
किताब में अशोक टंडन आगे बताते है कि उस वक्त विपक्षी नेता सोनिया गांधी का फोन आया था। सोनिया गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी की चिंता करते हुए कहा कि मुझे आपकी चिंता हो रही है। क्या आप सुरक्षित हैं? इसके बाद वाजपेयी ने कहा कि मैं सुरक्षित हूं। साथ ही वाजपेयी ने सोनिया गांधी से उनकी सुरक्षा पर पूछा और कहा कि क्या आप सुरक्षित हैं? मुझे चिंता हो रही थी कि कहीं आप संसद भवन में तो नहीं है। इस तरह दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की थी।
भारतीय संसद पर 13 दिसंबर, 2001 को आतंकी हमला हुआ था। इस दौरान आतंकियों ने संसद के बाहर अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दी थी। आतंकियों का इरादा संसद के अंदर घुसकर सांसदों को निशाना बनाना था। वे संसद को हाईजैक करने के इरादे के साथ तैयारी करके आए थे।
हालांकि संसद के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों को संसद के बाहर ही मार गिराया था। हमले के दौरान संसद चल रही थी और कुछ समय पहले ही सदन स्थगित हुआ था। हालांकि हमले के वक्त संसद भवन के दरवाजों को बंद कर दिया गया था। इस दौरान सभी सांसद संसद भवन के अंदर ही थें और उन्होंने अपने आप को अंदर ही सुरक्षित रखा।
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल से जुड़े कुछ अहम पहलुओं को इस किताब में व्यक्त किया गया है। इस किताब में पोखरण परमाणु परीक्षण के साथ-साथ कारगिल युद्ध, आगरा शिखर सम्मेलन और इंडियन एयरलाइंस विमान अपहरण का भी जिक्र किया गया है। साथ ही राजनीति से जुड़े हुए पहलुओं को भी रेखांकित करने का प्रयास किया गया है।