राष्ट्रीय

भारत से इस देश के बीच बिछेगी पेट्रोलियम पाइपलाइन, बीच में पड़ता है कई किमी लंबा समुद्र

India Sri Lanka Petroleum Pipeline: भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच एक मल्टी प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने और इलेक्ट्रिक ग्रिड कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर काम किया जाएगा।

2 min read

अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत पहुंचे श्रीलंका के प्रधानमंत्री अनुरा कुमार दिसानायके ने साफ कर दिया है कि भारत के सुरक्षा हित और हिेंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता उनकी प्राथमिकता में हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत की मदद से ही श्रीलंका दो साल पहले आर्थिक संकट से उबर सका। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य में ऊर्जा क्षेत्र से लेकर डिजिटल इन्फ्रा, रुपए में व्यापार से लेकर मैरीटाइन निगरानी और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में समझौतों की घोषणा की गई। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इन घोषणाओं को मील का पत्थर कहा गया है।

संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच एक मल्टी प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने और इलेक्ट्रिक ग्रिड कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर काम किया जाएगा। साथ ही भारत की ओर से श्रीलंका को एलएनजी सप्लाई करने के साथ पाक खाड़ी में विन्ड पॉवर के संयुक्त विकास पर भी सहमति बनी। संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रुपए और श्रीलंकाई रुपए में लेनदेन को बढ़ावा दिए जाने पर भी सहमति बनी।

भारत के अहित के लिए नहीं होने देंगे श्रीलंका का इस्तेमाल

पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिसानायके ने स्पष्ट तौर पर कहा, हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से ऐसे काम के लिए नहीं होने देंगे जो भारत के हित के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हानिकारक हो। भारत और श्रीलंका के साझा सुरक्षा हितों को मान्यता देते हुए, दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास और पारदर्शिता पर आधारित नियमित संवाद और एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देने के महत्व को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों देशों के सामने आने वाली आम चुनौतियों को रेखांकित करते हुए एक स्वतंत्र, मुक्त, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता रेखांकित की।

इन क्षेत्रों में सहयोग को लेकर बनी सहमति

- भारत की आधार प्रणाली की तरह श्रीलंका विशिष्ट डिजिटल पहचान (एसएलयूडीआई) परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाना

-भारत की तरह यूपीआइ डिजिटल पेमेंट जैसी प्रणाली के क्रियान्वयन में मदद करना

-श्रीलंका की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा प्लेटफार्मों और परिसंपत्तियों का प्रावधान

-श्रीलंका के दिए गए कर्ज की अदायगी में ढिलाई देते हुए इसके पुनर्गठन पर द्विपक्षीय समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।

-श्रीलंका के 1500 सिविल सर्वेंट्स की ट्रेनिंग भारत में होगी।

-जाफना और पूर्वी प्रांत के विश्वविद्यालयों में भारत सरकार की तरफ से 200 छात्रों को मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।

-नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई फेरी सेवा की सफल शुरुआत के बाद अब भारत के रामेश्वरम और तलाईमन्नार के बीच नौका सेवा शुरू की जाएगी।

-सामपुर में सौर ऊर्जा परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में कदम उठाने पर सहमति

ब्रिक्स सदस्यता के लिए भारत का मांगा समर्थन

राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी से ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए श्रीलंका के आवेदन के लिए समर्थन का अनुरोध किया। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने 2028-2029 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए श्रीलंका के समर्थन का स्वागत किया।

Published on:
17 Dec 2024 07:49 am
Also Read
View All

अगली खबर