Narendra Modi education qualification: बिहार चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए थे। इससे पहले भी विपक्ष डिग्री का मुद्दा उठाता रहा है।
PM Modi degree controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां तक पढ़ाई की है? विपक्ष को इस मुद्दे में हमेशा से दिलचस्पी रही है। कई नेता पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग भी करते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह इस मुद्दे को लेकर अदालत का रुख भी कर चुके हैं। बिहार चुनाव के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए थे।
बिहार चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने नालंदा यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए थे। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को मुद्दा बनाता रहा है, लेकिन जनता को विपक्ष की इस दिलचस्पी में कोई दिलचस्पी नहीं है। बिहार चुनाव इसका सबसे जीवंत उदाहरण हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्ष चुनाव में बुरी तरह पराजित हुआ। कांग्रेस महज छह सीटों पर सिमट गई। इस हार ने संपूर्ण विपक्ष के भविष्य पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं कि उन्होंने MA की पढ़ाई की है। हालांकि, विपक्षी नेताओं को पीएम की बातों पर यकीन नहीं होता। 2023 में पत्रकार शीला भट्ट ने मोदी की पढ़ाई को लेकर विपक्ष की आंखें खोलने की कोशिश की थी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। एक पॉडकास्ट में भट्ट ने दावा किया था कि जब वह 1981 में नरेंद्र मोदी से मिलीं, तब वह एमए की पढ़ाई कर रहे थे। उनके और मोदी के मेंटर एक ही थे - प्रोफेसर प्रवीण सेठ।
शीला भट्ट ने बताया था कि मोदी बहुत पढ़ाई करते थे। वह प्रोफेसर प्रवीण सेठ के घर लगभग रोज जाया करते थे। भट्ट का यह पॉडकास्ट भले ही पुराना है, लेकिन पीएम मोदी की डिग्री का मुद्दा लगातार उठता रहा है। इसलिए आइए जानते हैं कि उस पॉडकास्ट में शीला भट्ट ने और क्या बताया था। भट्ट ने कहा - नरेंद्र मोदी उस समय MA की पढ़ाई कर रहे थे। मैं उनकी एक सहपाठी को भी जानती हूं, जो वकील हैं। जब अरविंद केजरीवाल और दूसरे विपक्षी नेताओं ने मोदी की पढ़ाई पर सवाल किया, तो मैंने मोदी की क्लासमेट से कहा था कि उन्हें कुछ बोलना चाहिए। लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
इस पॉडकास्ट में शीला भट्ट ने नरेंद्र मोदी के बारे में कई दिलचस्प बातें भी बताईं। उन्होंने कहा कि मोदी 1983-84 से 2001 तक हर दिवाली देश का एक-एक जिला घूमने जाया करते थे। उस समय उनके पास कोई फोन नहीं होता था। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी शुरुआत से बेहद आशावादी हैं। समस्याओं का हल निकालना उन्हें बखूबी आता है।