बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद विपक्षी नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जमकर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि आप लोग ट्यूबलाइट हैं, सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं।
Nishikant Dubey statement on Supreme Court: भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर विवादित बयान दिया है जिसपर सियासी भूचाल मच गया है। झारखंड के गोड्डा से 4 बार के सांसद निशिकांत दुबे ने शीर्ष कोर्ट पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। बीजेपी सांसद के इस बयान में विपक्ष को नया हथियार मिल गया है। हालांकि बीजेपी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम सहित कई पार्टियां उनके बयान की कड़ी आलोचना कर रही है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि भाजपा सांसदों की तरफ से इस तरह की टिप्पणी करना न केवल कोर्ट की अवमानना है, बल्कि यह देश की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश है। ओवैसी ने कहा कि आप लोग ट्यूबलाइट हैं, सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्या आप जानते हैं कि अनुच्छेद 142 क्या है? ये अनुच्छेद बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लपेटते हुए कहा कि पीएम मोदी ऐसे लोगों को नहीं रोकते हैं तो देश उन्हें माफ नहीं करने वाला है।
निशिकांत दुबे के बयान पर बढ़ते विवाद को देखते हुए बीजेपी उनके बयान से किनारा कर लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है। अमित शाह ने कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। पाटी ऐसे बयानों से कोई इत्तेफाक नहीं रखती और न ही ऐसे बयानों का समर्थन करती है। बीजेपी सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान करती है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान को लेकर विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को घेरा है। कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने कहा कि निशिकांत दुबे जैसा सांसद बिना ऊपर से निर्देश पाए ऐसे बयान नहीं दे सकता। श्रीनिवास ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर कटाक्ष करते कहा है कि आप कब तक राम का नाम लेकर लोकतंत्र पर छुरा घोंपते रहेंगे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कोई सांसद सुप्रीम कोर्ट या किसी भी अदालत पर सवाल उठाता है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, हमारी न्याय व्यवस्था में अंतिम फैसला सरकार का नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का होता है। अगर कोई इस मूल सिद्धांत को नहीं समझता, तो यह संविधान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी दुबे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के संवैधानिक पदाधिकारी, मंत्री और सांसद जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। “जब सुप्रीम कोर्ट यह कहता है कि कोई भी कानून संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ नहीं होना चाहिए, तो उसे स्वीकार नहीं किया जाता। इसी वजह से कोर्ट को निशाना बनाया जा रहा है,” उन्होंने कहा। रमेश ने यह भी जोड़ा कि इलेक्टोरल बॉन्ड समेत कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट सरकार के फैसलों को असंवैधानिक ठहरा चुका है, जिससे भाजपा बौखलाहट में है।
इस पूरे प्रकरण पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, निशिकांत दुबे का बयान बेहद घटिया और कोर्ट की गरिमा के खिलाफ है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करेगा।” कक्कड़ ने आरोप लगाया कि भाजपा जब अपने पक्ष में फैसले पाती है, तो न्यायाधीशों को राज्यसभा भेजती है, लेकिन जब निष्पक्षता दिखाई जाती है तो जजों को बदनाम किया जाता है।