Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में AQI के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। WHO के अनुसार दिल्ली निर्धारित सीमा से 60 गुना ज्यादा जहरीली हो गई है। इसके बचाव के लिए Supreme Court ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए ग्रैप-4 लागू करने के आदेश दिए।
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण, धुंध और स्मॉग के कारण हालात और विकट हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हवा डब्ल्यूएचओ की निर्धारित सीमा से 60 गुना ज्यादा जहरीली हो गई है। सोमवार को दिल्ली-NCR में धुंध की मोटी परत छाई रहने से विमान और रेल सेवाएं गड़बड़ा गईं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर विजिबिलिटी बेहद कम रहने से 160 उड़ानों पर असर पड़ा। इनमें 118 डिपार्चर वाली, जबकि 43 अराइवल्स की थीं। उड़ानें औसतन करीब 22 मिनट लेट हुईं। सुबह सात उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। स्मॉग का असर ट्रेनों पर भी पड़ा। नई दिल्ली और आनंद विहार स्टेशन से 28 ट्रेनें सोमवार को दो से नौ घंटे तक लेट रहीं। स्टेशनों के बाहर अन्य शहरों के लिए यात्री ट्रेनों के इंतजार में खड़े रहे।
घनी धुंध के कारण सुबह दृश्यता में तेजी से गिरावट आई। सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता 150 मीटर रही। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया कि वह संबंधित एयरलाइंस से फ्लाइट स्टेटस और यात्रा में होने वाले बदलाव की जानकारी लेते रहें। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 484 दर्ज किया गया। दिल्ली में ग्रैप-4 के तहत सोमवार को ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य स्थगित करने समेत प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू किए कर दिए गए।
दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के उपाय लागू करने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि ग्रैप-4 लागू करने में इतनी देर क्यों हुई? जब तक हम अगले आदेश पारित नहीं करते, तब तक ग्रैप-4 का कार्यान्वयन जारी रहेगा, भले एक्यूआइ स्तर 450 से नीचे चला जाए। पीठ ने ग्रैप-4 लागू करने के लिए एक्यूआइ को सीमा पार करने की प्रतीक्षा करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के प्रति असंतोष व्यक्त किया।
दिल्ली में ग्रैप-4 लागू होने से राजस्थान ट्रक ऑपरेटर्स में हडक़ंप मच गया है। दिल्ली में अगले आदेश तक बीएस-6 से नीचे के डीजल ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा देने से राज्य में रोजाना करीब 100 करोड़ के माल की आवाजाही थम गई है। राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चानणमल अग्रवाल का कहना है कि राजस्थान में भिवाड़ी-नीमराणा और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों से एक हजार से ज्यादा ट्रक रोजाना दिल्ली आते-जाते हैं। इन औद्योगिक क्षेत्रों की सप्लाई चैन ठप हो जाएगी और रोजाना करीब एक हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होगा।
दिल्ली की सीएम आतिशी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में जगह-जगह पराली जल रही है। उन्होंने कहा कि पराली का समाधान करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। अगर पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी ला सकती है तो अन्य राज्यों में मामले क्यों बढ़ रहे हैं? पूरे उत्तर भारत को मेडिकल इमरजेंसी की हालत में क्यों धकेल दिया गया?