Rahul Gandhi Vs Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता शशि थरूर और उनकी पार्टी के बीच इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शरूर ने बीते दिनोें पीएम मोदी और एस जयशंकर को लेकर जो कहा था, वह कांग्रेस पार्टी को नागवार गुजारा है।
Rahul Gandhi Vs Shashi Tharoor: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर पार्टी नेतृत्व से नाराज नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात में थरूर ने पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर असंतोष व्यक्त किया। थरूर ने खुलकर सवाल किया कि पार्टी में उनकी भूमिका क्या है और उन्हें क्यों दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने थरूर की किसी भी शिकायत या सुझाव पर ठोस आश्वासन देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस और शशि थरूर के बीच बढ़ती दूरी पार्टी के लिए एक नई चुनौती बनती जा रही है। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह विवाद आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और प्रदर्शन पर असर डाल सकता है।
बैठक के दौरान थरूर ने कई मुद्दे उठाए, जिनमें संसद में उनकी अनदेखी, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (AIPC) से उन्हें हटाने का तरीका और राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका जैसे विषय प्रमुख रहे। थरूर ने कहा कि वह संसद में पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम हैं, लेकिन उन्हें अवसर नहीं दिया जा रहा। उन्होंने राहुल से यह भी पूछा कि क्या पार्टी चाहती है कि वह केरल की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करें, मगर राहुल गांधी इस पर स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे।
पार्टी के भीतर थरूर और शीर्ष नेतृत्व के बीच मतभेद पहले भी सामने आते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात पर कांग्रेस के रुख से अलग राय रखने के कारण थरूर पहले ही आलोचना का सामना कर चुके हैं। हाल ही में एलडीएफ सरकार के तहत केरल में औद्योगिक विकास की प्रशंसा करने वाले उनके लेख ने पार्टी के भीतर असंतोष को और हवा दी। पार्टी के कई नेता इस लेख को कांग्रेस के खिलाफ मानते हैं।
थरूर ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस, जिसे उन्होंने खुद स्थापित किया था, से हटाए जाने पर भी गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पहले उनसे कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया, जो एक वरिष्ठ नेता के प्रति अनुचित व्यवहार है। थरूर का मानना है कि इस संगठन के माध्यम से वे पेशेवरों को कांग्रेस से जोड़ने में सफल रहे थे और अचानक से उन्हें हटाना उनके योगदान को नजरअंदाज करने जैसा है।
राहुल गांधी के रुख से साफ है कि पार्टी फिलहाल थरूर के असंतोष को प्राथमिकता देने के मूड में नहीं है। बैठक के दौरान राहुल ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है, इसलिए राज्य स्तर पर थरूर की भूमिका पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। थरूर द्वारा कांग्रेस की युवा शाखा की जिम्मेदारी संभालने के संकेत भी राहुल गांधी ने अस्वीकार कर दिए।
हालांकि थरूर ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी नेतृत्व उनकी चिंताओं को नजरअंदाज करता रहा, तो वे भविष्य में बड़ा कदम उठा सकते हैं। केरल में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी भी उनके निर्णयों को हल्के में नहीं ले सकती।