औरंगाबाद पुलिस ने 'टार्जन-रमेश गिरोह' के 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरगना भी शामिल है। ये गिरोह रेलवे की संपत्ति चोरी में शामिल था और अगस्त में सोननगर टीएसएस से 3.5 करोड़ रुपये की चोरी की थी।
बिहार में औरंगाबाद जिले की पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। इसी तरह, अंतर्राज्यीय रेल संपत्ति चोरों के कुख्यात 'टार्जन-रमेश गिरोह' का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि इसी साल अगस्त में बारूण थाना क्षेत्र के सोननगर टीएसएस में एक बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। जिसमें मेसर्स ब्लू स्टार कंपनी के बेस कैम्प से करीब 3.5 करोड़ रुपये की रेल संपत्ति की चोरी हुई थी।
चोरी हुए सामान में ट्रांसफॉर्मर का तेल, साइट प्लेट के नट और ट्रांसफॉर्मर के मूल्यवान पुर्जे शामिल थे। इस घटना के बाद कंपनी के एचआर मैनेजर ने बारूण थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
चोरों के पकड़े जाने के बाद औरंगाबाद में सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने विस्तार से पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चोरी के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीष राहुल ने आवश्यक कदम उठाए। उन्होंने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया।
इस टीम ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और डेहरी पुलिस की टीम के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर सबसे पहले गिरोह के सदस्य रमेश चौधरी को गिरफ्तार किया।
पुलिस अधिकारी ने अधिकारी ने बताया कि रमेश चौधरी ने शुरुआती पूछताछ में अपना मुंह नहीं खोला, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सबकुछ बता दिया। उसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सोननगर और आसपास के इलाके में छापेमारी कर गिरोह के अन्य 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी किए गए तारों को वे पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले में स्थित एक कबाड़ की दुकान में बेच देते थे। वहां से प्राप्त धन को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। इससे पहले भी इन लोगों ने इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
पुलिस ने चोरों के पास से भारी मात्रा में कॉपर के तार भी बरामद किए हैं। एसडीपीओ पांडेय ने यह भी कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।