भारी बारिश के चलते उत्तरी भारत के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है। आने वाले दिनों के लिए भी मौसम विभान ने पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
देश के कई हिस्सों में मानसून ने भारी तबाही मचा रखी है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा जैसे कई उत्तरी भारत के राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ आ गई है, जिसके चलते अभी तक अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है और सैंकड़ों लोगों की जाने जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद आसमान से बरसती आफत रूकने का नाम नहीं ले रही है। भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश और कहर बरसाएगी और फिलहाल इससे राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है। आईएमडीबी के अनुसार, सितंबर महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
पंजाब में इस साल दशकों की सबसे भीषण बारिश देखने को मिली है जिसके चलते वहां 37 सालों की सबसे भयानक बाढ़ आ गई है। बाढ़ की चपेट में आए लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस विनाशकारी बाढ़ से अब तक प्रदेश में 29 लोगों की मौत हो चूकी है। इसमें पठानकोट जिले में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। सूत्रों की अनुसार, इस बाढ़ के चलते 2.56 लाख से अधिक का जीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन अब भी यह परिस्थिती सुधरने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए भी पंजाब के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते व्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है जिसके चलते कपूरथला जिला प्रशासन ने निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है।
हरियाणा में भी बारिश के चलते स्थिती बिगड़ी हुई है। राज्य के कई इलाकों में आज भी मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार को अंबाला छावनी के पास बिहटा गांव में बारिश के चलते एक पुराने मकान की छत गिरने की खबर सामने आई थी। इस घटना में एक महिला समेत दो बच्चे घायल हो गए थे। वहीं गुरुग्राम शहर में भारी बारिश के चलते जिला आयुक्त अजय कुमार ने मंगलवार को स्कूलों को ऑनलाइन क्लास लेने के निर्देश दिए थे। हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी अधिकारियों को 5 सितंबर तक अपने एरिया में बने रहने और कड़ी निगरानी करने के आदेश दिए है। इसके अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी अधिकारी को छुट्टी लेने की अनुमती नहीं है।
राजधानी दिल्ली भी बारिश के प्रकोप की चपेट में आ गई है। यहां लगातार भारी बारिश हो रही है जिसके चलते आम जीवन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच लगातार हो रही बारिश के चलते मंगलवार सुबह यमुना नदी के जलस्तर ने भी खतरे के स्तर को पार कर लिया है। यमुना में खतरे का स्तर 205.33 मीटर है लेकिन मंगलवार सुबह यह नदी 205.68 मीटर पर बह रही थी, जो कि खतरे के निशान से काफी ऊपर है। इसके चलते दिल्ली हाई अलर्ट पर है और यमुना के डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। वहीं राज्य के स्कूलों को भी मंगलवार को ऑनलाइन क्लास आयोजित करने के आदेश दिए गए है। हालांकि सीएम रेखा गुप्ता ने विश्वास दिलाया है कि दिल्ली सरकार हर तरह की विपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आने वाले दो दिनों के लिए दिल्ली में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
देश के अन्य कई राज्यों में भी बारिश ने तबाही मचा रखी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में अब तक बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ आ चुकी है। इसके अलावा बादल फाटने जैसी घटनाओं ने भी इन राज्यों में भारी आफत पैदा कर दी है। भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं में दोनों राज्यों की करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो गई है और सैंकड़ों लोगों को जान गवानी पड़ी है। लेकिन यह परेशनी अभी खत्म नहीं हुई है क्योंकि हाल ही आईएमडीबी ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यहां सितंबर में अनुमान से अधिक बारिश होने का अलर्ट भी जारी किया गया है। इसी तरह ओडिशा में भी अगले चार दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर मंगलवार को एक नए कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते यहां 2,3,4 और 5 सितंबर को भारी बारिश होने की संभावना है।