RJD विधायक ने सवाल उठाया, "क्या हमारा संविधान हिंदू राष्ट्र बनाने की इजाजत देता है?"
बिहार के गोपालगंज में रविवार को हनुमंत कथा के तीसरे दिन का माहौल उस समय गरमा गया, जब प्रसिद्ध कथावाचक और बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें लोग प्यार से बाबा बागेश्वर कहते हैं, ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक चंद्रशेखर की धमकी का करारा जवाब दिया। विधायक ने हाल ही में कहा था कि अगर बाबा बिहार आए तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। इस धमकी ने न केवल बाबा के समर्थकों के बीच हलचल मचा दी थी, बल्कि यह विवाद अब खुलकर सार्वजनिक मंच पर आ चुका था।
हनुमंत कथा के विशाल मंच से, जहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, बाबा ने अपनी बुलंद आवाज में कहा, "हिंदुओं का परचम अब दिखने लगा है। लोग कहते हैं कि अगर हम बिहार आए तो जेल में डाल दिया जाएगा। तुम रोहिंग्या और घुसपैठियों को रोक नहीं पाए, हम तो भारत के हैं, हम बिहार के हैं, बिहार हमारा है और हम आते रहेंगे।" उनके शब्दों में आत्मविश्वास और दृढ़ता झलक रही थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका मकसद किसी राजनीतिक दल का समर्थन करना नहीं, बल्कि भगवान बजरंग बली की भक्ति का प्रचार करना है। "जब तक जिंदा रहेंगे, दरबार लगाएंगे और जिंदगी भर बिहार आएंगे। बिहार हमारा घर है, हमारी आत्मा है," उन्होंने भावुक अंदाज में कहा।
दूसरी ओर, राजद विधायक चंद्रशेखर ने बाबा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि धीरेंद्र शास्त्री संविधान विरोधी बातें करते हैं और हिंदू राष्ट्र की वकालत करते हैं, जो भारत के संविधान के खिलाफ है। विधायक ने सवाल उठाया, "क्या हमारा संविधान हिंदू राष्ट्र बनाने की इजाजत देता है?" उन्होंने बाबा की तुलना विवादित बाबाओं जैसे राम रहीम और आसाराम से करते हुए कहा कि अगर इनकी गहराई से जांच हो तो सच सामने आ जाएगा। यह बयान न केवल बाबा के लिए चुनौतीपूर्ण था, बल्कि उनके समर्थकों के बीच भी आक्रोश का कारण बना।
कथा के दौरान, जहां चारों ओर भक्ति का माहौल था और हनुमान चालीसा की गूंज सुनाई दे रही थी, बाबा ने अपने समर्थकों को संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि मेरे भक्तों की ओर से कोई गड़बड़ी हो। अगर ऐसा हुआ तो विरोधी इसका फायदा उठाकर हंगामा मचा सकते हैं। हमारा मकसद सनातन धर्म का नाम ऊँचा करना है, इसे बदनाम करना नहीं।" उनकी यह अपील उस भीड़ के लिए थी, जो उनके हर शब्द पर तालियाँ बजा रही थी और उनके साथ एकजुटता दिखा रही थी।
बाबा ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले जब कुछ लोगों ने उन्हें पटना एयरपोर्ट पर उतरने से रोकने की कोशिश की थी, तब बिहार के लोगों ने एकजुट होकर 12 लाख की भीड़ जुटाई थी। उस दिन कथावाचन के दौरान बना यह वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके समर्थन का प्रतीक बन गया था। गोपालगंज में भी उस दिन का दृश्य कुछ कम नहीं था—हजारों लोग उनकी बात सुनने के लिए जमा हुए थे, और माहौल में भक्ति के साथ-साथ एक संदेश था कि वे किसी धमकी से डरने वाले नहीं।