संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार ने हजरत मोहम्मद साहब को मुसलमानों की आस्था और पहचान की बुनियाद बताया है। साथ ही, उन्होंने देश के मुसलमानों से कहा कि घुसपैठिए उनका हक खा रहे हैं।
देश भर में आई लव मोहम्मद को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। ऐसे में आरएसएस नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब मुसलमानों की आस्था और पहचान की बुनियाद हैं, दुनिया को मोहब्बत, इल्म और इंसाफ का यह पैगाम समझना होगा। उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों में मुस्लिम समाज के लिए सुलह केंद्र, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, छात्रवृत्ति योजनाएं और करियर गाइडेंस सेल शुरू करने जा रहे हैं।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, वह सिर्फ शैतानियत है। हम हिन्दुस्तानी थे, हैं और रहेंगे। हमारी पहचान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। अब समय है कि शिक्षा, तहजीब और तरक्की पर जोर देकर भारत को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि घुसपैठिए देश के मुसलमानों के हक पर कब्जा कर रहे हैं। अगर घुसपैठिए नौकरी लेंगे तो यहां का मुसलमान रोजगार से वंचित हो जाएगा।
इस मौके पर एनसीएमईआई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि एमआरएम अपनी 25 साल की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी करने जा रहा है और अब अगले 25 वर्षों के लिए नई दिशा तय करनी होगी। उन्होंने कहा, "हमें दर्शक नहीं, राष्ट्र निर्माता बनना है।" राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा कि यह मंच सिर्फ दो कमरों से शुरू हुआ था और पहले सम्मेलन में मात्र 110 लोग थे। आज यहां 10,000 कार्यकर्ताओं की मौजूदगी इस संगठन की गहरी जड़ों और व्यापक स्वीकार्यता का सबूत है।
सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि एमआरएम ने हमेशा देश तोड़ने की ताकतों का सामना किया है। अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन ने भारत को सबसे न्यायप्रिय देश बताया। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी ने कहा, "हिंदू-मुस्लिम सबका डीएनए एक है।"