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इस्तीफा मेरी जेब में है- उस मीटिंग की कहानी, जिसके बाद शिवराज पाटिल को छोड़नी पड़ी थी गृह मंत्री की कुर्सी

भारत के पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन हो गया। 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के समय वे गृह मंत्री थे। हमले के बाद उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। यह हमला उनके राजनीतिक भविष्य के लिए एक बड़ा आघात था।

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Dec 12, 2025
पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल। (फाइल फोटो- IANS)

'भारत के 26/11' के समय गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल अब नहीं रहे। 12 दिसम्बर, 2025 उनकी ज़िंदगी का आखिरी दिन रहा। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 2008 में 26 से 29 नवम्बर के बीच बड़ा आतंकी हमला हुआ था। यह हमला जहां देश पर चोट था, वहीं शिवराज पाटिल के राजनीतिक भविष्य पर भी बड़ा आघात था।

शिवराज पाटिल उस समय केन्द्रीय गृह मंत्री थे। वह न केवल विरोधियों, बल्कि अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर थे। उन्हें अंततः इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन, इससे पहले जो कुछ हुआ वह उनके लिए ज्यादा असहज करने वाली स्थिति थी।

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शिवराज पाटिल को गृह मंत्री नहीं देखना चाहते थे कई कांग्रेसी

मुंबई हमले से पहले ही कांग्रेस के कई नेता चाहते थे कि शिवराज पाटिल गृह मंत्री नहीं रहें, लेकिन कोई खुल कर सामने नहीं आ रहा था। मुंबई हमले ने उन्हें खुल कर सामने आने का मौका दे दिया।

मुंबई हमले पर चर्चा के लिए 29 नवम्बर को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडबल्यूसी) की बैठक हुई तो ऐसा चाहने वाले तमाम नेताओं को अपनी बात कहने का अच्छा मौका हाथ लग गया।

इससे पहले 13 सितंबर को दिल्ली में धमाके हुए थे। इसके बाद देश के कई शहरों में आतंकी वारदात हुई थी। ऐसे में शिवराज सिंह के खिलाफ पूरा माहौल बन गया था।

तीन घंटे चली बैठक में पाटिल की धज्जियां उड़ा दी गईं

29 नवम्बर को करीब तीन घंटे चली बैठक में पाटिल की धज्जियां उड़ा दी गईं। बैठक में पी चिदम्बरम, कपिल सिबल, कमल नाथ, करण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं ने अपनी बात रखी। सोनिया और राहुल गांधी ने भी पाटिल का कोई बचाव नहीं किया।

पाटिल की बारी आई तो उन्होंने कुछ आंकड़ों से अपना बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि एनडीए के शासन में आतंकी घटनाओं में जितने नागरिक मारे गए हैं, हमारी सरकार में यह संख्या उससे कम है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा- मेरा इस्तीफा मेरी जेब में है। जिस क्षण प्रधानमंत्री या पार्टी का आदेश होगा, वह त्यागपत्र सौंप देंगे।

पाटिल ने दे दिया था त्यागपत्र

पाटिल की इस पेशकश पर सोनिया गांधी समेत किसी नेता ने कुछ नहीं कहा। उसी समय रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी।

उन्होंने कहा- समुद्र के रास्ते आतंकियों को आने से रोकने में नौसेना विफल रही, मैं इसकी ज़िम्मेदारी लेते हुए त्यागपत्र देना चाहता हूं। उनकी ओर से यह पेशकश आते ही कई नेता उनके समर्थन में आ गए। कहा- आपके इस्तीफे की कोई जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि इस तरह के कदम के बारे में नहीं सोचना चाहिए। पाटिल के लिए इशारा साफ था। उन्होंने अगले दिन ही इस्तीफा भेज दिया।

Updated on:
12 Dec 2025 04:00 pm
Published on:
12 Dec 2025 12:40 pm
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