Delhi basement Coaching Centre: दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हादसे ने देशभर में चल रहे कोचिंग सेंटर में बरती जा रही लापरवाही को लेकर आंखें खोल दी हैं।
Delhi basement Coaching Centre: दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हादसे ने देशभर में चल रहे कोचिंग सेंटर में बरती जा रही लापरवाही को लेकर आंखें खोल दी हैं। दिल्ली जैसे ही हालात विभिन्न शहरों में हैं। कहीं बेसमेंट में क्लासेज चल रही हैं को पार्किंग बना रखी है। हालत यह है कि बेसमेंट में हमेशा छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रहती है। ऐसे में दिल्ली जैसे हादसे में किसी भी शहर में हो सकते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कई कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी बेसमेंट में चल रहे हैं। गोपालपुरा बाइपास और आस-पास की कॉलोनियों में ही इनकी संख्या 50 के आस-पास है। महेश नगर में कुछ लाइब्रेरी बेसमेंट में चल रही हैं। यहां दिनभर छात्र-छात्राओं की आवाजाही रहती है। हालात यह है कि प्रताप नगर में कोचिंग हब बनकर तैयार है लेकिन वहां जाने को कोई तैयार नहीं है। जेडीए प्रवर्तन शाखा के मुख्य नियंत्रक महेंद्र शर्मा ने बताया कि सोमवार को संबंधित विभागों से समन्वय कर टीम भेजकर मौका निरीक्षण करवाएंगे। वहीं कोटा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि कोचिंग एरिया में जलभराव की कोई शिकायत नहीं है। दिल्ली हादसे के बाद सोमवार से यहां भी जलभराव की स्थिति में इंतजामों की समीक्षा करेंगे। जलभराव की स्थिति होने पर बच्चों को कैसे सुरक्षित निकाला जा सकता है, क्या बंदोबस्त है, इसकी जांच करेंगे।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एमपी नगर में बने कोचिंग परिसरों की हालत भी दिल्ली के कोचिंग सेंटरों से अलग नहीं है। एमपी नगर जोन-2 क्षेत्र में भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित व्यावसायिक परिसर में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। यहां बेसमेंट में पार्किंग है। ऐेसे में छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है। हाल में निरीक्षण के दौरान फायर एनओसी और आपदा की स्थिति मे डैमेज कंट्रोल के इंतजाम नहीं थे।
रायपुर, बिलासपुर व भिलाई में इंजीनियरिंग, मेडिकल और सिविल सर्विसेस की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। सेंटरों की एक-एक कक्षा में 100-100 बच्चों को पढ़ाया जा रहा लेकिन कहीं भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। हालत यह कि न नगर निगम और न ही शिक्षा विभाग को इनकी सुध है।