Karnataka Politics: सीएम सिद्धारमैया के करीबी जमीर अहमद खान ने कहा कि अगर किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने का साहस है? तो वह केवल हाईकमान के पास है। उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया 2028 तक सीएम बने रहेंगे।
Karnataka Politics:कर्नाटक कांग्रेस में सियासी कलह पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। एक बार फिर कर्नाटक में सीएम सिद्धरमैया गुट के नेता ने इशारों-इशारों में डिप्टी सीएम DK शिवकुमार पर हमला बोला है। साथ ही, आवास एवं वक्फ मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाने का साहस किसमें है।
जमीर अहमद खान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हाईकमान ने किसी भी नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के विवादित बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यतींद्र ने अपनी निजी राय जाहिर की है। उन्होंने फेरबदल को लेकर पूछ गए सवालों पर कहा कि अब इस चर्चा को क्यों उठाया जा रहा है? ऐसी चर्चाएं तभी होनी चाहिए जब मुख्यमंत्री का पद खाली हो। यह सब कोरी अटकलें हैं। क्या किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने का साहस है? अगर किसी के पास यह अधिकार है, तो वह केवल हाईकमान के पास है।
मंत्री खान ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों ने बार-बार कहा है कि वे हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे, और इस बात पर जोर दिया कि केवल हाईकमान ही कोई भी बदलाव कर सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धारमैया पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि सिद्धारमैया 2028 तक मुख्यमंत्री रहेंगे। यह मेरी निजी राय है।
इस बीच, वाल्मीकि पीठ के प्रसन्नानन्द स्वामीजी ने कहा कि यदि कोई बदलाव किया जाता है, तो किसी दलित नेता को अगला मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस में कई सक्षम दलित नेता हैं। उन्होंने आगे कहा कि समुदाय सिद्धारमैया के साथ मजबूती से खड़ा है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन बनता है।
दूसरी ओर, इडिगा मठ के प्रणवानंद स्वामीजी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कर्नाटक में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में पार्टी के आंतरिक कलह से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बाद कांग्रेस हाईकमान पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है। बेलगावी शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार द्वारा आयोजित नाश्ते की बैठकों के बाद हाईकमान ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली थी।
हालांकि, दोनों पक्षों से आए नए बयानों, विशेष रूप से सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के बयान, जिन्होंने दावा किया कि उनके पिता कार्यकाल पूरा करेंगे और हाईकमान ने शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की मांग को खारिज कर दिया है। उसने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक कलह की अटकलों को फिर से हवा दे दी है।