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कांग्रेस के भीतर मचा है बवाल, इस राज्य में किसे मिलेगी CM कुर्सी? राहुल गांधी सुनाएंगे अंतिम फैसला

कर्नाटक कांग्रेस में CM पद को लेकर सिद्धरामैया और डीके शिवकुमार के बीच तनाव बढ़ गया है। ढाई-ढाई साल फार्मूले पर असमंजस के चलते सरकार की स्थिरता और बगावत की आशंका बढ़ी है। शिवकुमार समर्थक विधायकों का दबाव जारी है और कई विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद माना जा रहा है कि अंतिम फैसला सोनिया गांधी और राहुल गांधी करेंगे, जबकि पार्टी में अंदरूनी हलचल जारी है।

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डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और सीएम सिद्धारमैया (Photo-IANS)

Karnataka Congress: कर्नाटक में कांग्रेस का आंतरिक संकट चरम पर जाता दिख रहा है और पार्टी दुविधा में है कि मौजूदा मुख्यमंत्री एन.सिद्धरामैया (Siddaramaiah) को ढाई-ढाई साल फार्मूले के तहत हटाकर प्रदेशाध्यक्ष व डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को कमान सौंपी जाए या नहीं? सीएम को हटाकर जोखिम उठाया जाए या उन्हें बनाए रखकर भीतर की नाराजगी झेलने का विकल्प चुना जाए? दोनों नेताओं की अपनी ताकत है, लेकिन पार्टी का संकट सरकार की स्थिरता, बगावत की आशंका और अगले विधानसभा चुनाव (2028) में कैडर की उहापोह को लेकर है। हालांकि दोनों नेता आलाकमान का फैसला मानने की बात कह रहे हैं, लेकिन शिवकुमार समर्थक विधायकों व पार्टी कैडर का भारी दबाव है।

उनके समर्थक आधा दर्जन विधायक सोमवार को फिर से दिल्ली पहुंचे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार कर्नाटक से ही ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान के बाद कि आलाकमान निर्णय करेगा, यह माना जा रहा है कि सिद्धरामैया के भविष्य का फैसला अंतत: सोनिया गांधी व राहुल गांधी ही करेंगे। खरगे के बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं कि पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन पर मंथन चल रहा है। खरगे की चेतावनी के बाद सार्वजनिक बयानबाजी का दौर थमा है लेकिन आंतरिक गतिविधियां जारी हैं।

यह है दुविधा के कारण और विकल्प

★पहला: अगर सिद्धारमैया को हटाया गया
★सरकार की स्थिरता पर सीधा असर, बगावत की आशंका
★सोशल इंजीनियरिंग समीकरण बिगड़ने की आशंक

गारंटी योजनाओं का क्रेडिट बिखरने का खतरा

    ★दूसरा: अगर नेतृत्व परिवर्तन न हो
    ★शिवकुमार कैंप में मोहभंग, संगठनात्मक कमजोरी
    ★सत्ता-साझा मॉडल का ‘विश्वास संकट’, ढाई-ढाई साल फार्मूले का वादा तोड़ने की छवि
    ★2028 चुनाव का नेतृत्व अनिश्चित, परिणाम पर असर

    ★तीसरा: यह है बीच का रास्ता
    ★धीरे-धीरे बदलाव: मिडवे कैबिनेट फेरबदल, कुछ समय बाद सिद्धू कुर्सी छोड़ें
    ★2028 चुनाव का नेतृत्व फार्मूला सार्वजनिक हो, शिवकुमार बनें चेहरा
    ★सिद्धरामैया यों मजबूत
    ★मजबूत जनाधार, हर वर्ग पर पकड़
    ★ज्यादा विधायकों का समर्थन
    ★शिवकुमार भी कम नहीं-संगठन के माहिर खिलाड़ी, कार्यकर्ताओं का समर्थन
    ★गांधी परिवार से नजदीकी, पार्टी के संकटमोचक
    ★बेंगलूरु से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर

    हाईकमान जो फैसला करेगा उसे सभी मानेंगे: सिद्धरामैया

    अगर कांग्रेस हाईकमान तय करता है कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए, तो वह पद पर बने रहेंगे। पार्टी हाईकमान जो भी फैसला करेगा, उसे शिवकुमार और हम दोनों मानेंगे।

    शिवकुमार के समर्थन में नारे, नागा साधुओं का आशीर्वाद

    उधर,बेंगलूरु में शिवकुमार के आवास पर काशी से आए नागा साधु मिले और उन्हें सीएम बनने का आशीर्वाद दिया। पत्रकारों से बातचीत में एक नागा साधु ने कहा शिवकुमार और उनके परिवार की अच्छाई और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया है। चिकबल्लापुर में सीएम सिद्धरामैया के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे शिवकुमार समर्थकों ने उनके सीएम बनने के नारे लगाए। उधर, वोक्कालिगा संघ की ओर से भी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूजा-अर्चना की गई और नारियल तोड़े गए।