Waqf Bill: संसद में नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी की पार्टी ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। इससे इन पार्टियों के मुस्लिम नेता नाराज है और पार्टी छोड़ रहे हैं।
Waqf Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया है। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का नीतीश कुमार, जयंत चौधरी और चिराग पासवान की पार्टी ने समर्थन किया है। वक्फ बिल का समर्थन करने से इन पार्टियों के मुस्लिम नेता नाराज है और एक के बाद एक नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। दरअसल, संसद में वक्फ बिल का समर्थन करना इन पार्टियों को अब भारी पड़ रहा है।
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में चल रही उथल-पुथल थमने का नाम ही नहीं ले रही है। पार्टी से 6 मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें मोहम्मद कासिम अंसारी, मोहम्मद शाहनवाज मलिक, नदीम अख्तर, तबरेज सिद्दीकी और राजू नैयर और नवादा जिले के JDU जिला सचिव मोहम्मद फिरोज खान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
बता दें कि इससे पहले रमजान के महीने में वक्फ बिल का सपोर्ट करने पर सीएम नीतीश कुमार और चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी का मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया था। यह पहला मौका था जब मुसलमानों ने सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया था।
वहीं वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल में भी बगावत शुरू हो गई है। रालोद के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी। उन्होंने एक वीडियो जारी कर जयंत चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा हापुड़ के मोहम्मद जकी ने भी नाराजगी जताते हुए रालोद से इस्तीफा दे दिया।
वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर नीतीश कुमार और जयंत चौधरी की पार्टी ही नहीं चिराग पासवान की पार्टी से भी मुस्लिम नेता इस्तीफा दे रहे है। लोजपा रामविलास अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अली आलम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि बिल मुसलमानों के खिलाफ है। उनकी पार्टी ने इसका सदन में समर्थन किया है। इसके खिलाफ वे पार्टी से त्यागपत्र देने जा रहे हैं।
बता दें कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू से मुस्लिम नेताओं का इस्तीफा देना नीतीश कुमार के लिए चिंता बढ़ा सकता है। वहीं चिराग पासवान की पार्टी से भी मुस्लिम नेता इस्तीफा दे रहे है। दरअसल, बिहार में मुसलमानों की आबादी करीब 18 फीसदी है। राजनीति के लिहाज से यह एक बड़ा वोट बैंक है।